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अंतरिक्ष यात्रियों की धरती पर हुई वापसी, ट्रंप बोले- मैंने निभाया वादा, जो पर भी बरसे, मस्क को कहा धन्यवाद

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कैलिफोर्निया। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की 9 महीने 14 दिन बाद धरती पर सकुशल लैंडिंग हो गई है। दोनों एलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के जरिए 17 घंटे का सफर तय अमेरिका के फ्लोरिडा में समुद्र तल पर तड़के 3.27 बजे लैंड हुए। अंतरिक्ष यात्रियों की सफल लैंडिंग पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान आया है। साथ ही मिशन की सफलता पर डोनाल्ड ट्रंप ने मस्क को धन्यवाद कहा है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी मीडिया से कहा, जब मैं आॅफिस (राष्ट्रपति बनने के बाद) में आया तो मैंने एलॉन मस्क से कहा कि हमें उन्हें (सुनीता और बुच विल्मोर) वापस लाना होगा। बाइडेन (पूर्व राष्ट्रपति) ने उन्हें छोड़ दिया है। उन्होंने उन्हें त्याग दिया। अब वे वापस आ गए हैं। उन्हें बेहतर होना होगा और जब वे बेहतर हो जाएंगे तो वे ओवल आॅफिस (राष्ट्रपति आॅफिस) में आएंगे। इससे पहले ट्रंप ने सोशल मीडिया में लिखा था कि वादा किया, वादा निभाया’, राष्ट्रपति ट्रंप ने नौ महीनों से अंतरिक्ष में फंसे अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने का वादा किया था। आज वे सुरक्षित रूप से ‘गल्प आॅफ अमेरिका’ में लौट आए, इसके लिए एलन मस्क, स्पेसएक्स और नासा का धन्यवाद! इधर, व्हाइट हाउस ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नासा के क्रू-9 अंतरिक्ष यात्रियों सुनीता विलियम्स, निक हेग, बुच विल्मोर और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोर्बूनोव की वापसी को प्राथमिकता दी।

नासा और स्पेसएक्स टीम को मस्क ने दी बधाई
वहीं एलन मस्क ने नासा और स्पेसएक्स टीम को उनकी सफलता पर बधाई दी और इस मिशन को प्राथमिकता देने के लिए ट्रंप को धन्यवाद कहा। एलन मस्क ने लिखा कि, स्पेसएक्स और नासा टीम को एक और सफल अंतरिक्ष यात्री वापसी पर बधाई! इस मिशन को प्राथमिकता देने के लिए डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद! दरअसल, 8 जून 2024 में सुनीता और विल्मोर बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में सवार अंतरिक्ष में गए थे और उसके बाद वो वापस नहीं लौट पाए। इसे 10 दिवसीय मिशन माना जा रहा था। लेकिन सिस्टम में खराबी आने के कारण दोनों की 9 महीने तक वापसी नहीं हो सकी। लेकिन ट्रंप ने वादा किया था कि अगर मैं राष्ट्रपति बना तो दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर वापस लेकर आएंगे। जो उन्होंने निभाया।

सुनीता के चेहरे पर थी मुस्कान
सुनीता अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की एस्ट्रोनॉट हैं। सुनीता जब ड्रैगन कैप्सूल से निकलीं तो उनके चेहरे पर मुस्कान थी। उन्होंने लोगों का अभिवादन किया। तयशुदा योजना के मुताबिक सुबह 3.27 बजे फ्लोरिडा के समंदर के तट पर सुनीता का यान उतरा। सुनीता की वापसी के बाद आधी रात को ही भारत में जश्न मनने लगा। सुनीता के पैतृक गांव मेहसाणा में सबसे ज्यादा खुशी का इजहार किया गया। लोग गरबा डांस करने लगे। गांव में दिवाली जैसा माहौल था। ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की समदंर के तट पर लैंडिग के बाद का सफर भी काफी रोमांचकारी था। ड्रैगन कैप्सूल को एक जहाज पर रखा गया था। हर किसी का नजर इस बात पर थी कि 17 घंटे के बाद कैप्सूल से निकलने वाले चारों अंतरिक्ष विज्ञानियों की हालत क्या होगी, लेकिन जब एक-एक करके चारों एस्ट्रोनॉट बाहर निकले तो उनके चेहरे पर जोश और जज्बा था।

पृथ्वीं में लौटने में लगा 17 घंटे का वक्त
बता दें कि सुनीता विलियम्स अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर नौ महीने 14 दिन तक रहीं। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से उन्हें पृथ्वी पर लौटने पर 17 घंटे का वक्त लगा। अंतरिक्ष यान के पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने पर इसका तापमान 1650 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो गया था। इस दौरान करीब सात मिनट के अंतरिक्ष यात्रियों से संपर्क टूट गया। अतंरिक्ष यात्रियों को लेकर आए ड्रैगन कैप्सूल ने पैराशूट के साथ समुद्र में लैंडिंग की। कैप्सूल के पानी में उतरने के करीब 10 मिनट तक सुरक्षा जांच का काम पूरा किया गया। इसके बाद कैप्सूल को खोला गया। जिसके अंदर से सुनीता विलियम्स समेत अन्य तीन यात्रियों को स्ट्रेचर की मदद से बाहर लाया गया। फिलहाल वह एक डॉक्टरों और विशेषज्ञों की निगरानी में हैं।

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