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एम.पी. ट्रांसको में अब सरकारी कामकाम में व्हाट्सएप की जगह लेगा अराताई

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देश में अब “आत्मनिर्भर भारत” की गूंज है। मध्यप्रदेश में भी इस दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) ने सरकारी कामकाज में व्हाट्सएप का इस्तेमाल बंद कर दिया है।

इसके स्थान पर भारत में निर्मित स्वदेशी मैसेजिंग ऐप अराताई का प्रयोग सफलतापूर्वक शुरू कर दिया है।

कार्यालयीन बातचीत और फाइल शेयरिंग आदि के लिए अराताई का उपयोग किया जा रहा है। मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) के अधिकारियों के अनुसार इस स्वदेशी ऐप में उच्च स्तरीय डेटा सुरक्षा, ग्रुप मैसेजिंग, मल्टी-डिवाइस सपोर्ट और तेज़ फ़ाइल शेयरिंग जैसी सुविधाएं हैं। खास बात यह है कि अराताई का डेटा भारत के सर्वरों पर सुरक्षित रहता है।

एमपी ट्रांसको ने मध्यप्रदेश में सबसे पहले शहडोल डिवीजन में व्हाट्सएप का इस्तेमाल बंद किया। यहां के कार्यपालन अभियंता चंद्रभान कुशवाहा ने कार्यालयीन संवाद, कामकाज और फाइल शेयरिंग के लिए स्वदेशी अराताई का उपयोग प्रारंभ किया। ज़ोहो कॉर्प द्वारा विकसित यह ऐप विदेशी प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप का सबसे सुरक्षित और मजबूत विकल्प माना जा रहा है।

कार्यपालन अभियंता चंद्रभान कुशवाहा ने बताया कि अराताई पूरी तरह भारत में विकसित सुरक्षित और विश्वसनीय प्लेटफॉर्म है। इस स्वदेशी मैसेजिंग ऐप के इस्तेमाल से विभागीय संवाद को स्वदेशी तकनीक के माध्यम से सशक्त बनाया जा सकेगा।

कुशवाहा की पहल से शहडोल डिवीजन का पूरा आंतरिक संचार और संवाद अब अराताई के माध्यम से ही हो रहा है।

ऐप में उच्च स्तरीय डेटा सुरक्षा, ग्रुप मैसेजिंग, मल्टी-डिवाइस सपोर्ट और तेज़ फ़ाइल शेयरिंग जैसी सुविधाएं हैं। इसका डेटा भारत के सर्वरों पर सुरक्षित रहता है।

श्री कुशवाहा की पहल से शहडोल डिवीजन का संपूर्ण आंतरिक संचार अब अराताई के माध्यम से हो रहा है। एम.पी. ट्रांसको की यह पहल डिजिटल आत्मनिर्भरता और स्वदेशी तकनीकी समाधानों को प्रोत्साहित करने की दिशा में सराहनीय कदम है।

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