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पड़ोसी देश के खिलाफ एक और बड़ा फैसला: राज्यों के सीएम से शाह बोले- पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर तत्काल भेजें

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद केन्द्र सरकार एक्शनमोड में है। सरकार पड़ोसी देश पाकिस्तान की कमर तोड़ने वाले लगातार बड़े फैसले ले रही है। इसी कड़ी में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान से जुड़े वीजा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा कैंसिल करने और उनकी पहचान कर शीष्र पाकिस्तान भेजने के निर्देश दिए हैं। गृहमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक के बाद ये फैसला लिया है।

अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों से कहा है कि वे अपने-अपने राज्यों से पाकिस्तान के लोगों को जल्द से जल्द हटाएं। सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह ने शुक्रवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन किया और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक देश छोड़ने के लिए निर्धारित समय सीमा से आगे भारत में न रहे। भारत ने गुरुवार को 27 अप्रैल से पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा रद्द करने की घोषणा की थी और पाकिस्तान में रहने वाले भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द घर लौटने की सलाह दी थी।

दशहतगर्दों ने 26 लोगों को उतार दिया मौत के घाट
दरअसल, जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में दहशतगर्दों ने 26 लोगों (दो स्थानीय और दो विदेशी नागरिकों) को मौत के घाट उतार दिया था। हमला मंगलवार को अपराह्न करीब तीन बजे हुआ, जब आतंकवादी बैसरन घाटी में पहाड़ से नीचे उतरे और वहां पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। हमले के बाद से भारत सरकार लगातार एक्शन मोड में है। इस हमले के बाद भारत सरकार ने सबसे पहले भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था। भारत ने पाकिस्तान को औपचारिक पत्र लिखकर सिंधु जल संधि को निलंबित करने की सूचना दी थी।

अब तक सरकार ने पाकिस्तान को कौन-कौन सी चोटें दीं?

सबसे पहले भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। सरकार ने कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा-पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता, तब तक यह संधि निलंबित रहेगी।

अटारी एकीकृत चेक पोस्ट बुधवार को ही बंद कर दी गई। जिन लोगों ने अनुमोदन के साथ सीमा पार की है, उन्हें 1 मई से पहले उस रास्ते से लौटने की अनुमति है।

सरकार ने अब पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) वीजा के तहत भारत आने की अनुमति नहीं दी है। पाकिस्तानी नागरिकों को पहले जारी किए गए एसवीईएस वीजा रद्द कर दिए गए हैं। एसवीईएस वीजा रखने वाले सभी पाकिस्तानियों को 48 घंटे में भारत छोड़ने के लिए कहा गया है।

नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित घोषित कर दिया गया और उन्हें देश छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया। भारत ने यह भी घोषणा की कि वह इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा कर्मचारियों को वापस बुलाएगा।

भारत ने कहा कि वह 1 मई तक और कटौती करके उच्चायोगों की कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 कर देगा।

सरकार ने बीते दिन पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 27 अप्रैल तक भारत छोड़ने को कहा। हालांकि, जिनके पास मेडिकल वीजा है वे केवल 29 अप्रैल तक ही रह सकते हैं।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पंजाब के अटारी, हुसैनीवाला और सादकी में रिट्रीट समारोह के दौरान औपचारिक प्रदर्शन को कम करने का एक सुनियोजित निर्णय लिया। प्रमुख बदलावों में भारतीय गार्ड कमांडर और समकक्ष गार्ड कमांडर के बीच प्रतीकात्मक हाथ मिलाने की प्रक्रिया को निलंबित करना भी शामिल है। समारोह के दौरान गेट बंद रहेंगे। बीएसएफ ने कहा कि यह कदम सीमा पार दुश्मनी पर भारत की गंभीर चिंता को दशार्ता है। शांति और उकसावे एक साथ नहीं रह सकते।

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