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अद्भुत महाकुंभ नगरी: तीसरे अमृत स्नान पर भी उमड़ा भक्तों का रेला, बसंत पंचमी पर 20 देशों के भक्तों ने संगम में लगाई डुबकी, भीड़ को ऐसे किया जा रहा काबू

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प्रयागराज। महाकुंभ नगरी में बसंत पंचमी के तीसरे अमृत स्नान पर आस्थावानों और अखाड़ों का त्रिवेणी में डुबकी लगाने सिलसिला अनवतर जारी है। खास बात यह है कि पहले और दूसरे अमृत स्नान की तरह ही तीसरे अमृत स्नान पर संगम में डुबकी लगाने के लिए भक्तों का रेला उमड़ पड़ा है। सुबह 10 बजे तक करीब एक करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। महाकुंभ के तीसरे अमृत स्नान पर नागा संन्यासियों के साथ देश-विदेश के श्रद्धालु भी साक्षी बने। संगम जाने वाले सभी रास्तों पर 10 किमी तक श्रद्धालुओं का रेला है। भक्तों की जबरदस्त भीड़ को देखते हुए लेटे हनुमान मंदिर को बंद कर दिया। मेला क्षेत्र के सभी रास्ते वन-वे हैं।

बता दें कि मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ को देखते आज भीड़ को कंट्रोल करने के लिए आॅपरेशन इलेवन चलाया जा ररहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह योजना बनाई गई है, जिसकी निगरानी सुबह 3.30 बजे से खुद सीएम योगी कर रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिहाज से वन वे रूट तैयार किया गया ह। इसके अलावा पांटून पुलों पर मेले में आने वाले लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत न आए, इसका भी विशेष इंतजाम किया गया ह। महाकुंभ के तीसरे अमृत स्नान पर सबसे पहले नागा साधुओं ने डुबकी लगाई। इसके बाद महानिवार्णी अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा और जूना अखाड़ा स्नान कर चुका ह। बाकी अखाड़ों के स्नान का क्रम भी जारी र्ह। भोर में साढ़े चार बजे सबसे पहले महानिवार्णी के संतों ने त्रिवेणी में स्नान किया। इसके बाद पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी और फिर श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े ने अमृत स्नान किया। जूना अखाड़े में नागाओं की भारी फौज रही। जूना अखाड़े में किन्नर अखाड़ा भी शामिल रहा।

भारतीय संस्कृति में रमे विदेशी भक्त
बसंत पंचमी पर अमृत स्नान के लिए 20 से ज्यादा देशों के लोग भी अमृत स्नान देखने के लिए संगम पहुंचे और अमृत स्नान किया और भारतीय संस्कृति में पूरी तरह रम गए। उन्होंने न केवल पवित्र डुबकी लगाई बल्कि अन्य तीर्थयात्रियों का भी गर्मजोशी से स्वागत किया। इटली, क्रोएशिया और आॅस्ट्रिया से आए श्रद्धालुओं ने महाकुंभ के अनुभव को अद्वितीय, अविस्मरणीय और जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर बताया। श्रद्धालुओं का रेला संगम समेत गंगा के घाटों पर उमड़ पड़ा है। विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम में वसंत पंचमी पर संगम में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह देखते बन रहा है। यहां पर यह भी बता दें कि महाकुंभ के दौरान अब तक 35 करोड़ भक्त संगम में डुबकी लगा चुके हैं। 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया था। एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1।7 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई थी।

तड़के 3 बजे से ही वॉर रूम में डटे सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वसंत पंचमी के पावन अवसर पर अमृत स्नान की व्यवस्था की निगरानी के लिए साढ़े तीन बजे से अपने सरकारी आवास स्थित वॉर रूम में बैठक की। उन्होंने डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के साथ लगातार अपडेट प्राप्त किए और आवश्यक निर्देश दिए। सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे स्नान स्थल पर पूरी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें और श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक इंतजाम पूरे करें। साथ ही, उन्होंने आस्था के इस महान पर्व पर प्रशासन की तत्परता को बढ़ाने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से सुरक्षा व्यवस्था और यातायात प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया, ताकि हजारों श्रद्धालुओं को बिना किसी समस्या के संगम में स्नान का लाभ मिल सके।

वसंत की डुबकी के लिए चहुंओर आस्था, उत्साह और उल्लास
संगम नोज पर श्रद्धालुओं की भीड़ है। महाकुंभ के तीसरे और अंतिम अमृत स्नान पर्व वसंत पंचमी पर संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए लोगों का रेला उमड़ा है। चाहे लाल मार्ग हो या काली मार्ग या फिर त्रिवेणी मार्ग। हर तरफ से भक्ति का सागर संगम में मिलने के लिए उमड़ रहा है। मौनी अमावस्या स्नान पर्व हादसे से सबक लेते हुए इस बार अमृत स्नान के लिए अखाड़ों के लिए सेफ कॉरिडोर बनाया गया है, ताकि शाही सवारियां निकलने के दौरान उस रास्ते पर कोई आम श्रद्धालु प्रवेश न कर सकें।

जय गंगा मैया, हर-हर महादेव और जय श्रीराम के गगनभेदी जयघोष
करीब 12 किमी की परिधि में फैले संगम के घाटों पर स्नानार्थी ही नजर आ रहे हैं। कोई दंड-कमंडल लेकर तो कोई सिर पर गठरी और कंधे पर झोला-बोरा लिए संगम की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। रास्ते भर जय गंगा मैया, हर-हर महादेव और जय श्रीराम के गगनभेदी जयघोष गूंज रहे हैं। मेले में वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध है। मेला क्षेत्र के एंट्री प्वाइंटों, संगम व पांटून पुलों पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। पुलिस, पैरामिलिट्री के अलावा होमगाड्स, एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस और यूपी एसटीएफ के जवान तैनात कर दिए गए हैं। संगम जाने वाली सड़कों पर हर तरफ आस्था, उत्साह और उल्लास छाया है। रेलवे स्टेशनों पर लगातार स्नानार्थियों की भीड़ आती जा रही है। भीड़ के मद्देनजर एहतियातन मेला प्रशासन ने चुस्त-दुरुस्त इंतजाम किए हैं। पार्किंग के अलावा खाली स्थानों और पटरियों पर बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने डेरा जमा लिया है।

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