भोपाल। मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने सोमवार को उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा की। बैठक में अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन, आयुक्त उच्च शिक्षा निशांत बरबड़े सहित अन्य अधिकारी शामिल थे। इस दौरान परमार ने सख्त निर्देश दिए हैं कि विद्यार्थियों के पूर्ण विकास और कॉलेजों की गुणवत्ता वृद्धि करने के लिए आगामी तीन माह की कार्ययोजना बनाकर जरूरत के हिसाब से विभाग में उपलब्ध बजट का उपयोग सुनिश्चित करें।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि परीक्षाएं सिर्फ सरकारी संस्थाओं में ही आयोजित की कराई जाए। साथ ही उन्होंने विभाग से संबंधित लंबित न्यायालयीन प्रकरणों पर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए। परमार ने कॉलेज और विश्वविद्यालयों में पदों की पूर्ति की जानकारी प्राप्त कर, रिक्त पदों की पूर्ति प्रक्रिया नियत समयावधि पर पूर्ण किए जाने लिये भी कहा।
व्यापक कार्ययोजना बनाने दिए निर्देश
मंत्री परमार ने कहा कि विद्यार्थियों की परीक्षाएं शासकीय संस्थानों में ही आयोजित की जाएं। उन्होंने परीक्षाओं की सुचिता बनाए रखने के लिए व्यापक कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों के समग्र विकास में पूर्व विद्यार्थियों की सहभागिता सुनिश्चित करने के भी प्रयास किए जाएं। साथ ही हर सभी पात्र विद्यार्थियों को विभागीय छात्रवृत्ति योजनाओं से लाभान्वित किए जाने की दिशा में अधिकाधिक प्रयास करें। उन्होंने विद्यार्थियों के हितों से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
बजट के लिए की भी विभागीय तैयारियों की गहन समीक्षा
उच्च शिक्षा मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट आवंटन, व्यय की स्थिति एवं आगामी वित्तीय वर्ष के बजट के लिए विभागीय तैयारियों की गहन समीक्षा की। परमार ने महाविद्यालयों में प्रयोगशालाओं के उन्नयन एवं मरम्मत आदि कार्यों में आवश्यकतानुरूप उपलब्ध बजट का उपयोग करते हुए महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के समग्र विकास, बेहतर अध्ययन-अध्यापन, शैक्षणिक एवं अकादमिक गुणवत्ता सुधार के लिए महाविद्यालयों में विभिन्न निर्माण एवं सुधार आदि कार्यों को समयावधि पर पूर्ण करने को कहा।
सत्र 2025-26 में विद्यार्थियों के प्रवेश की तैयारियों की समीक्षा की
परमार ने महाविद्यालयों की प्रवेश क्षमता, प्रवेशित छात्र संख्या एवं उपलब्ध सीटों पर युक्तियुक्तकरण के सम्बन्ध में व्यापक चर्चा कर महाविद्यालय में उपलब्ध अधोसंरचना अनुरूप क्रियान्वयन के निर्देश दिए। उन्होंने विधि महाविद्यालयों की स्थिति एवं व्यावसायिक महाविद्यालयों के संचालन की समीक्षा कर उत्तरोत्तर गुणवत्ता वृद्धि के लिए नीतिगत रूप से व्यापक कार्ययोजना बनाने को कहा है। उन्होंने सत्र 2025-26 में विद्यार्थियों के प्रवेश की तैयारियों की समीक्षा कर, “कॉलेज चलो अभियान” को सफल बनाने एवं सकल नामांकन अनुपात में उत्तरोत्तर वृद्धि करने के लिए कहा।