भोपाल। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में तीन दिवसीय ‘कृषि-उद्योग समागम 2025 का आगाज हो गया है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कृषि उद्योग समागम-2025 का शुभारंभ किया। धनखड़ ने कृषि उद्योग समागम के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बधाई और कहा कि उनकी इस पहल का अन्य राज्यों को भी अनुसरण करना चाहिए। इस अवसर पर उप राष्ट्रपति की पत्नी सुदेश धनखड़ उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप राष्ट्रपति धनखड़ ने कहा है कि खेती-किसानी देश की अर्थव्यवस्था की नींव है। यह हमारी प्रगति का मूल आधार है। कृषि के क्षेत्र में विकास और नित नए नवाचार जरूरी हैं, इससे कृषि के विकास से ही देश में समृद्धि आएगी। देश का उदर-पोषण करने वाले अन्नदाता की खुशहाली में ही हमारे देश की खुशहाली सन्निहित है। किसान हमारे अन्नदाता हैं। अन्नदाताओं का अभिनंदन करते हुए कहा कि किसान भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इनकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव बेहद कर्मठ और कार्यशील है। कोई ऐसा दिन नहीं रहता, जब वे गांव, गरीब और किसान की चिंता न करें। मध्यप्रदेश सरकार ने गांव-किसान और उद्योग को जोड़ने की अभिनव पहल शुरू की है।
देश में विकसित भारत के लिए चल रहा महायज्ञ
उपराष्ट्रपति ने कहा कि विकसित भारत का रास्ता गांव और किसान के खेत से निकलता है। देश में विकसित भारत के लिए महायज्ञ चल रहा है इसमें सबसे बड़ी आहूति किसान भाइयों की ही है। किसान केवल फसल उत्पादन तक सीमित न रहें। उन्हें खाद्य प्र-संस्करण, व्यापार और मार्केटिंग भी सीखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के किसान भाइयों के परिश्रम से ही ‘विकसित भारत@2047’ का लक्ष्य पूरा होगा। किसान अधिक से अधिक कृषि आधारित उद्योग स्थापित करें।
स्थानीय सांसद-विधायक गांवों को ले गोद
धनखड़ ने सुझाव दिया कि अन्नदाता को उद्यमी बनाने के लिए स्थानीय सांसद और विधायक गांवों को गोद लें, किसानों को समृद्ध बनाएं, जिससे खेती में नई तकनीक का इस्तेमाल हो और हर गांव में समृद्धि आए। उन्होंने कहा कि देश में 720 कृषि विज्ञान केंद्र हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के नेतृत्व में सभी संस्थान बेहद सजग होकर कार्य कर रहे हैं। उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि भारत ने दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर एक नया इतिहास रच दिया है। हमने जापान को पीछे छोड़ा है और बहुत जल्द जर्मनी को पीछे छोड़कर हम तीसरे स्थान पर पहुंचेंगे।
मप्र को इनमें देश का करना चाहिए नेतृत्व
उपराष्ट्रपति ने कहा कि देशभर में किसानों को हर तरह की सहूलियतें दी जा रही हैं। अब तक 10 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ मिला है। उनके खातों में 3 लाख 46 करोड़ रुपए अंतरित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को दूध, फल और सब्जियों में देश का नेतृत्व करना चाहिए। कृषि सिर्फ खेती का क्षेत्र नहीं है, इसका उद्योग से बड़ा जुड़ाव है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की यह पहल सराहनीय है। प्रदेश में नारी शक्ति को जिला पंचायतों की कमान मिलना भी लोकतंत्र की शक्ति को दशार्ता है।
पीएम मोदी संकल्प लौहपुरुष की तरह
धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला आॅपरेशन सिंदूर से लिया है। यह ऐतिहासिक घटना है। पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना ने सटीक बमबारी की और उनके ठिकाने नष्ट कर दिए। देश की सुरक्षा के मामले में प्रधानमंत्री का संकल्प एक लौहपुरूष की तरह है। भारतीय सेना के पराक्रम ने हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। ये नया भारत है, जो 70 साल में नहीं हुआ, वो प्रधानमंत्री ने कर दिखाया।