श्योपुर। श्योपुर जिले के विजयपुर विकासखंड क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला जहानगढ़ गांव में अब विस्थापित होगा। इसकी बड़ी वजह यह है कि गांव की भूमि पर एक नई सेंचुरी बनाई जाएगी। जिसका नाम जहानगढ़ सेंचुरी होगा। श्योपुर जिले में जहानगढ Þनाम से दूसरी सेंचुरी बनाए जाने के लिए मप्र शासन की ओर से केबिनेट में स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। बताया जा रहा है कि जल्द शासन की ओर से विस्थापन की कार्रवाई किए जाने के बाद जहानगढ़ सेंचुरी को विकसित किए जाने का काम धरातल पर उतरना शुरू कर दिया जाएगा।
जहानगढ़ सेंचुरी विकसित होने के बाद श्योपुर जिले में दो सेंचुरी हो जाएगी। क्योंकि कूनो नेशनल सेंचुरी के नाम से श्योपुर जिले में पहले से एक नेशनल सेंचुरी मौजूद है। कूनो नेशनल सेंचुरी में वर्तमान में चीते मौजूद है। कूनो सेंचुरी के खुले जंगल में 17 चीतों को छोड दिया गया है। इसके अलावा अभी जो चीते बाडो में मौजूद है,उन्हें भी आगामी दिनों में एक एक करके खुले जंगल में छोडने की योजना है। जिसे देखते हुए कूनो नेशनल सेंचुरी का दायरा श्योपुर के सामान्य वन मंडल और शिवपुरी जिले के सामान्य वन मंडल के कुछ हिस्से को कूनो सेंचुरी में मिलाकर बढा दिया गया है। विभागीय जानकारों की माने तो जब सभी चीते बाडो से आजाद करते हुए कूनो के खुले जंगल में छोड दिए जाएंगे,तब कूनो सेंचुरी का बढाया गया क्षेत्र में भी चीतो के लिए छोडा पड जाएगा,ऐसा इसलिए कि अभी वर्तमान में 17 चीतो में से कुछ चीते कूनो की सीमा से अंदर बाहर हो रहे है।
6.328 वर्ग किमी वन रकबे पर श्योपुर की दूसरी नई सेंचुरी
मध्यप्रदेश के डॉ मोहन यादव की अगुवाई में मप्र शासन द्वारा श्योपुर जिले में कूनो नेशनल सेंचुरी के बाद जहानगढ नाम से दूसरी नई सेंचुरी बसाए जाने का निर्णय लिया गया है। बताया गया है कि श्योपुर जिले में बनाई जाने वाली जहानगढ सेंचुरी 6.328 वर्ग किमी वन रकबे पर विकसित की जाएगी। इसके लिए जहानगढ़ गांव को दूसरी जगह बसाया जाएगा। बता दें कि अभी जहानगढ़ गांव कूनो नेशनल सेंचुरी के नजदीक बसा इकलौता गांव है। जहानगढ़ गांव के चारो तरफ घनघोर जंगल है। वहीं कुछ ही दूरी से कूनो नेशनल सेंचुरी की सीमा शुरू हो जाती है। कूनो सेंचुरी में मौजूद चीते इस गांव तक भी आ जाते है, इसलिए शासन ने जहानगढ़ गांव को जंगल से हटाकर दूसरी जगह विस्थापित किए जाने के बाद यहां नई सेंचुरी बनाए जाने का निर्णय लिया है।
कहां बसेगा जहानगढ गांव, शुरू हुई जमीन की तलाश
जनपद पंचायत विजयपुर की ग्राम पंचायत ओछा के अधीन आने वाले जहानगढ गांव में वर्तमान में 400 परिवार निवास करते है। जिन्हें श्योपुर जिले में दूसरी जगह बसाया जाएगा। लेकिन इन्हें कहां बसाया जाएगा,इसके लिए प्रशासन की ओर से जमीन की तलाश शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि उपयुक्त जमीन मिलने के बाद वहां जहानगढ़ गांव के 400 परिवारों को उस तरह विस्थापित किया जाएगा,जिस तरह बागचा गांव को रामबाडी गांव के पास चंबल नहर किनारे बसाया गया है।
कूनो सेंचुरी को विकसित करने 25 गांवों का किया गया विस्थापन
श्योपुर जिले में मौजूद कूनो सेंचुरी को नेशनल सेंचुरी का दर्जा मिल गया है और अब इसमें चीता प्रोजेक्ट भी सफलता के पायदान चढ़ता नजर आ रहा है। लेकिन कूनो सेंचुरी को विकसित किए जाने के लिए कूनो की सीमा में मौजूद 25 गांवों को दूसरी जगह विस्थापित किया गया है। इनमें पालपुर, जाखौदा, पैरा, पांडरी, लादर, दुर्रेंडी, बर्रेण्ड, खलाई, पारोंद, चक पारोंद, मसावनी, चक मसावनी, बावनपुर, बसंतपुरा, खैरा, पिपरवाड़ा, खजूरी खुर्द, खजूरी कलां, रामपुर, राजपुरा, अहिरवानी, नयागांव, टोंगरा, सिलपुरा तथा बागचा गांव शामिल है। बताया गया है कि इन गांवों में सबसे अंत में बागचा गांव का विस्थापन किया गया था।