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42 दिन में 42 नक्सलियों ने एमएमसी जोन में लाल सलाम को किया आखिरी सलाम

प्रमुख खबरे

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश की धरती से पुलिस अधिकारी- कर्मचारियों के अदम्य साहस और बलिदान से बालाघाट से लाल सलाम को 11 दिसम्बर को आखरी सलाम कर दिया गया है। आज का दिन प्रदेश में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में लिखा जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की भोपाल से वर्चुअल उपस्थिति में गुरूवार को बालाघाट में मौजूद आखरी 2 नक्सली दीपक उइके और रोहित ने भी आत्म समर्पण कर दिया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि 42 दिनों में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ (एमएमसी)जोन में ऐतिहासिक रूप से 7 करोड़ 75 लाख के इनामी 42 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी और गृह मंत्री श्री शाह के कुशल मार्गदर्शन में आजादी के बाद पहली बार समेकित रूप से नक्सलवाद और माओवादियों के खिलाफ एक अद्भुत और ऐतिहासिक अभियान चलाया गया। केंद्रीय नेतृत्व द्वारा 26 जनवरी 2026 तक नक्सलवाद की समाप्ति के लिए अंतिम समय-सीमा घोषित की गई।

नक्सलवादियों के सामने दो ही विकल्प रहे एक नवजीवन का अवसर और दूसरा जीवन की समाप्ति। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र बलों और मध्यप्रदेश पुलिस के वीर जांबाज जवानों के समन्वित प्रयासों से मध्यप्रदेश में 11 दिसम्बर को अंतिम दो नक्सलियों के आत्मसमर्पण से प्रदेश नक्सल मुक्त हो गया।

नक्सली आत्मसमर्पण में वर्ष 2025 ऐतिहासिक

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष 2025 में 10 नक्सलियों को मार गिराया गया। इसके साथ ही इस वर्ष सर्वोधिक 13 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया। यह  विगत 21 वर्षों में ऐतिहासिक उपलब्धि है।

मध्यप्रदेश में मौजूद दोनों नक्सलियों ने आज आत्मसमर्पण कर दिया। प्रदेश में सक्रिय सभी नक्सली केडरों को ध्वस्त कर दिया गया है।

प्रदेश के विकास में नक्सलवाद की बाधा हुई खत्म

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में नक्सलवाद के खात्मे के साथ ही मंडला, डिण्डोरी और बालाघाट के विकास की बाधाएं खत्म हो गई हैं। पहले डिण्डोरी फिर मंडला और अब बालाघाट से भी नक्सलवाद खत्म हो गया है। सभी के साथ कदम से कदम मिलाकर विकास की राह पर क्षेत्र को आगे ले जाएंगे। माओवाद को पनपने नहीं देंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी और गृह मंत्री श्री शाह के नेतृत्व में विकास के मार्ग पर आगे बढ़ेंगे।

शहीदों को नमन् कर उनकी कुर्बानियों का किया स्मरण

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नक्सल मुक्त अभियान में कुर्बानी देने वाले सभी शहीदों को नमन कर उनकी कुर्बानियों का स्मरण किया। इस अभियान में 38 पुलिस अधिकारी -कर्मचारियों ने शहादत दी।

सरेंडर पॉलिसी अंतर्गत देंगे नव जीवन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आत्म समर्पण करने वाले नक्सलियों को सरेंडर पॉलिसी अंतर्गत पुनर्वास कर नव जीवन प्रदान किया जाएगा। सरकार मुख्यधारा में लौटने वाले नक्सलियों को पॉलिसी के तहत सुरक्षा के साथ प्रावधानों के मुताबिक अन्य सभी उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने सशस्त्र बलों, पुलिस और प्रशासन को दी बधाई

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश में नक्सल मुक्त करने के अभियान में शामिल सभी सशस्त्र बलों के साथ मैदानी स्तर पर कार्य करने वाले पुलिस और प्रशासन को हार्दिक बधाई दी।

प्रमुख बिंदु

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में जनवरी 2026 तक नक्सलवाद की देश से समाप्ति के दृढ़संकल्प के कारण आज मध्यप्रदेश नक्सलवाद से मुक्त हो गया।
  • मध्यप्रदेश की धरती से पुलिस अधिकारी- कर्मचारियों के अदम्य साहस और बलिदान से बालाघाट से लाल सलाम को 11 दिसम्बर को आखरी सलाम कर दिया।
  • मुख्यमंत्री डॉ. यादव की भोपाल से वर्चुअल उपस्थिति में गुरूवार को बालाघाट (मध्यप्रदेश) में मौजूद आखरी 2 नक्सली दीपक उइके और रोहित ने भी आत्म समर्पण कर दिया।
  • 42 दिनों में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ (एमएमसी)जोन में ऐतिहासिक रूप से 7 करोड़ 75 लाख के इनामी 42 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
  • प्रधानमंत्री श्री मोदी और गृह मंत्री श्री शाह के मार्गदर्शन में आजादी के बाद पहली बार समेकित रूप से नक्सलवाद और माओवादियों के खिलाफ एक अद्भुत और ऐतिहासिक अभियान चलाया गया।
  • वर्ष 2025 में 10 नक्सलियों को मार गिराया गया। इसके साथ ही इस वर्ष सर्वोधिक 13 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया।
  • प्रदेश में सक्रिय सभी नक्सली केडरों को ध्वस्त कर दिया गया है।
  • प्रदेश में नक्सलवाद के खात्मे के साथ ही मंडला, डिण्डोरी और बालाघाट के विकास की बाधाएं खत्म हो गई।
  • मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नक्सल मुक्त अभियान में कुर्बानी देने वाले सभी शहीदों को नमन कर उनकी कुर्बानियों का स्मरण किया।
  • अभियान में 38 पुलिस अधिकारी -कर्मचारियों ने शहादत दी।
  • आत्म समर्पण करने वाले नक्सलियों को सरेंडर पॉलिसी अंतर्गत पुनर्वास कर नव जीवन प्रदान किया जाएगा।
  • सरकार मुख्यधारा में लौटने वाले नक्सलियों को पॉलिसी के तहत सुरक्षा के साथ प्रावधानों के मुताबिक अन्य सभी उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध।
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