मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन हंगामेदार रहा। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस ने फसल मुआवजे समेत कई मुद्दों को लेकर अनोखा प्रदर्शन किया।
जुन्नारदेव से कांग्रेस विधायक सुनील उईके हाथ में पोस्टर लिए बंदर के वेश में विधानसभा पहुंचे, उनके हाथ में उस्तरा भी था, जिसे उन्होंने सरकार और सिस्टम का प्रतीक बताया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी मौजूद रहे।
कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने खराब फसलों के मुआवजे का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉक-आउट कर दिया और बाहर आकर नारेबाज़ी की। लगातार हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस सदस्यों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं का पालन नहीं किया गया और किसानों को मुआवजा देने में सरकार विफल रही है।
इस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार किसान हितैषी है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय जनहानि पर 50,000 रुपये दिए जाते थे, जबकि उनकी सरकार अब चार लाख रुपये का मुआवजा प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पशु हानि पर ढाई लाख रुपये की सहायता दी जा रही है और प्रति हेक्टेयर मुआवजा 4,000 रुपये से बढ़ाकर 16,000 रुपये किया गया है।
कांग्रेस विधायकों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया कि किसानों को वास्तविक मुआवजा अभी तक नहीं मिला है और सरकार तथ्य छिपा रही है।
बढ़ते विवाद के बीच सत्ता पक्ष के सदस्य मुख्यमंत्री के संकेत पर खड़े हो गए, जबकि कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए आसंदी के सामने आ गए और बाद में सदन से बहिर्गमन किया।



