राजस्थान के बूंदी रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में देश का पहला अंतरराज्यीय टाइगर ट्रांसलोकेशन अगले सप्ताह होगा।
मध्यप्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व से एक बाघिन को सेना के हेलीकॉप्टर से रामगढ़ टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया जाएगा।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की पहल पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बाघिन शिफ्टिंग के लिए हेलीकॉप्टर की मंजूरी दे दी है। प्रदेश के टाइगर रिजर्व में जीन पुल सुधार के मकसद से दूसरे राज्य से राजस्थान के टाइगर रिजर्व में इस तरह से बाघ बसाने की योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
बता दें कि पहली बार देश में ऐसा होगा कि जब बाघिन को एक स्टेट से दूसरे स्टेट एयरलिफ्ट करके लाया जा रहा हो। हालांकि इससे पहले साल 2008 में एक मेल टाइगर को रणथंभौर टाइगर रिजर्व से सरिस्का एयरलिफ्ट करके ले जाया गया था।
बान को हेलीकॉप्टर से लाने के लिए एसीएस आनंद कुमार ने महीने भर पहले रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा था। हालांकि इसकी मंजूरी नहीं मिली। इसके बाद तत्कालीन मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक शिखा मेहरा और सीनियर आईएफएस राजेश गुप्ता ने सरकार की पहल पर स्पीकर ओम बिरला के यहां सिफारिश की। सड़क मार्ग से 24 घंटे लगते। इतने लंबे सफर में बाघिन के पिंजरे में चोटिल होने और ट्रॉमा में जाने की आशंकाएं थीं। हवाई सफर से करीब 2 घंटे में बाघिन पेंच से रामगढ नए घर में पहुंचेगी।
मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक अरुण प्रसाद ने बताया कि मध्यप्रदेश के पदाधिकारियों से बाघिन को ढूंढने के लिए कह दिया है। अब हवाई सफर की मंजूरी के बाद अगले सप्ताह बाघिन लाएंगे। वन्य अधिकारी के अनुसार 25 नवंबर को टीम बाघिन को लाने मध्यप्रदेश के पेंच पहुंचेगी। प्रदेश के दूसरे टाइगर रिजर्व में भी रणथंभौर के ही बाघ हैं। दूसरी जगह के बाघ आने और उनसे ब्रीडिंग होने से नया जीन पुल बनाने में मदद मिलेगी। रामगढ़ के बाद मुकंदरा में दूसरी बाघिन अगले महीने तक लाई जाएगी। राज्य सरकार के मुताबिक 4 से 5 बाघिन लाई जाएंगी।



