भारत निर्वाचन आयोग की निदेशक शुभ्रा सक्सेना एवं सचिव बिनोद कुमार ने बुधवार को वर्चुअल बैठक की।
इस दौरान प्रदेश में चल रहे एसआईआर के कार्य की प्रगति की जिलेवार समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मप्र संजीव कुमार झा सहित सभी जिलों के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, अतिरिक्त जिला निर्वाचन अधिकारी नगर पालिक निगमों के कमिश्नर शामिल हुए।
बैठक में एसआईआर की धीमी रफ्तार को लेकर एक बार फिर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत बड़े जिलों के कलेक्टरों को फटकार लगाई गई है। आयोग की डायरेक्टर शुभ्रा सक्सेना ने इन कलेक्टरों से कहा है कि अगर अगली मीटिंग से पहले एसआईआर डिजिटलाइजेशन में सुधार नहीं हुआ तो कार्रवाई तय है।
सक्सेना ने यह नाराजगी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ली गई कलेक्टरों की मीटिंग में जताई है। उधर, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने राजनीतिक दलों की बैठक लेकर भी इस काम में तेजी लाने के लिए कहा है।
बुधवार को चुनाव आयोग के अफसरों ने एक बार फिर एसआईआर के गणना पत्रक वितरण और डिजिटलाइजेशन को लेकर कलेक्टरों के साथ संवाद किया।
इस दौरान यह जानकारी सामने आई कि शहडोल, उमरिया, अनूपपुर जैसे छोटे जिलों की हालत में सुधार आया है।
इन जिलों में पिछली मीटिंग में गड़बड़ी पर कलेक्टरों को डांट पड़ी थी। इधर, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में डिजिटलाइजेशन का प्रतिशत काफी कम है।
इसके चलते चुनाव आयोग की डायरेक्टर शुभ्रा सक्सेना ने इन कलेक्टरों से नाराजगी जताते हुए कहा कि वे अगली बैठक से पहले परफॉर्मेंस सुधार लें। ऐसा नहीं हुआ तो आयोग कार्रवाई करेगा। इन जिलों का डिजिटलाइजेशन प्रतिशत अभी दस से कम ही है।
भोपाल जिले में गणना पत्रकों के डिजिटलाइजेशन में सबसे अच्छी प्रोग्रेस बैरसिया विधानसभा में है। यहां 28.86 प्रतिशत दस्तावेज डिजिटलाइज हुए हैं।
वहीं भोपाल उत्तर, नरेला, भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में 5.07 प्रतिशत, 5.57 और 5.58 प्रतिशत डिजिटलाइजेशन हुआ है।
भोपाल मध्य, गोविन्दपुरा, हुजूर विधानसभा में 4.38 प्रतिशत, 5.69 और 10.80 प्रतिशत गणना पत्रर डिजिटलाइज हुए हैं। इस तरह भोपाल जिले का औसत डिजिटलाइजेशन प्रतिशत 8.77 है।



