मध्यप्रदेश कांग्रेस ने प्रदेश में संगठन को मजबूत करने के लिए बड़ा प्रशिक्षण अभियान शुरू करने का फैसला किया है।
पार्टी जल्द ही प्रदेश से लेकर बूथ स्तर तक आठ चरणों वाला प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएगी, जिसके माध्यम से हर स्तर के कार्यकर्ताओं को संगठनात्मक कार्य, नेतृत्व और राजनीतिक कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पचमढ़ी में आयोजित कांग्रेस का 10 दिवसीय संगठन सृजन प्रशिक्षण शिविर मंगलवार को समाप्त हो गया।
समापन सत्र में नेताओं ने बताया कि यह शिविर आने वाले व्यापक प्रशिक्षण अभियान की आधारशिला है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य है कि गांव और बूथ स्तर पर कार्यकर्ता प्रशिक्षित, सक्रिय और संगठनात्मक रूप से सक्षम हों।
शिविर के अंतिम दिन जिला अध्यक्षों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए और उन्हें अपने-अपने जिलों में लौटकर संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई। नेताओं ने कहा कि प्रशिक्षण का उद्देश्य केवल सीखना नहीं, बल्कि उस सीख को जमीनी स्तर पर लागू करना है।
समापन के साथ सभी जिला अध्यक्षों ने संयुक्त रूप से संकल्प लिया कि वे संगठन को नई ऊर्जा और प्रतिबद्धता के साथ प्रदेशभर में सक्रिय करेंगे।
सत्र में मप्र प्रशिक्षण के प्रभारी महेंद्र जोशी ने कहा कि यह शिविर केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि संगठन की आत्मा को सशक्त करने का एक सतत अभियान है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस संगठन आगामी समय में प्रदेश से लेकर बूथ स्तर तक आठ स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा, ताकि हर स्तर का कार्यकर्ता न केवल प्रशिक्षित हो, बल्कि संगठनात्मक दृष्टि से सक्षम भी बने।
उन्होंने कहा कि नेतृत्व निर्माण, कार्यकर्ता संगठन की बुनियाद और प्रशिक्षण की निरंतरता ही मजबूत संगठन की पहचान है। जब हर कार्यकर्ता प्रशिक्षण से निकले विचारों को अपने व्यवहार में उतारेगा, तभी संगठन की जड़ें मजबूत होंगी और कांग्रेस का जनाधार और व्यापक बनेगा।
समापन सत्र में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रशिक्षण विभाग के प्रमुख सचिन राव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आपने इस दस दिवसीय शिविर में जो सीखा है, उसका अनुसरण करें और अपने-अपने जिलों में संगठन को मजबूत करने के लिए निरंतर काम करें।
यह प्रशिक्षण केवल सीखने का नहीं, बल्कि उसे जमीन पर उतारने का अवसर है। अंत में सभी जिला अध्यक्षों ने सामूहिक संकल्प लिया कि वे अपने-अपने जिलों में कांग्रेस संगठन को नई ऊर्जा और प्रतिबद्धता के साथ सक्रिय करेंगे।



