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90 डिग्री वाले ब्रिज के बाद भोपाल में बना कम ऊंचाई वाला मेट्रो स्टेशन

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नब्बे डिग्री मोड़ वाले रेलवे ओवरब्रिज की वजह से हुई जगहंसाई के बाद भोपाल में अजब-गजब इंजीनियरिंग का एक और नमूना तैयार हुआ है। इस बार यह कारनामा भोपाल मेट्रो कार्पोरेशन ने किया है।

मेट्रो के इंजीनियरों ने खंभों पर केंद्रीय विद्यालय स्टेशन बनाते समय सतह से स्टेशन के आधार की मानक ऊंचाई को नजरअंदाज किया। अब जब काम पूरा हो गया तो समझ में आया है कि इसकी ऊंचाई केवल 4.8 फीट है, जो मानक ऊंचाई 5.5 फीट से कम है।

ऐसी स्थिति में बड़े ट्रक, ट्रालों, डंपरों का सड़क से गुजरना लगभग असंभव हो गया है। अगर वे वहां से गुजरे तो उनके मेट्रो स्टेशन के आधार से टकराने की संभावना बनी रहेगी। स्टेशन का निर्माण पूरा हो जाने के बाद मेट्रो प्रबंधन उसमें कोई बदलाव करने की स्थिति में नहीं है।

ऐसे में स्टेशन के नीचे से गुजर रही मैदामिल रोड को 300 मिलीमीटर यानी करीब एक फीट तक खोदा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इस सड़क को करीब 150 मीटर की लंबाई तक एक फीट तक खोदा जाएगा।

कोशिश है कि इस खोदाई के बाद सड़क पर डामर बिछाने के बाद उसकी सतह से स्टेशन के आधार की ऊंचाई 5.5 फीट से कम न हो। इससे पहले भोपाल मेट्रो ने एमपी नगर स्टेशन के निर्माण में यह गलती कर चुकी है। वहां भी सड़क को खोदकर ऊंचाई को मानक के अनुरूप लाने की कोशिश हुई थी।

इंजीनियरिंग के इस नमूने पर भोपाल मेट्रो के अधिकारी बातचीत करने से बच रहे हैं। भोपाल मेट्रो के प्रबंध संचालक एस. कृष्ण चैतन्य भी इस विषय पर कुछ कहने को तैयार नहीं हुए।

मेट्रो की खराब इंजीनियरिंग की वजह से जिस जगह पर मैदा मिल रोड को खोदा जा रहा है, वहां से एक नाला गुजरता है। सामान्य बरसात में भी यहां जलजमाव की समस्या होती है। बरसात के दिनों में तो आसपास की सतह से नीची इस सड़क पर जलभराव से तालाब जैसे हालात बनने की आशंका पैदा हो रही है।

मेट्रो और नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों के पास फिलहाल इस समस्या का कोई समाधान नहीं है।

नगरीय प्रशासन विभाग भी मेट्रो रेल की इस अदूरदर्शिता पर उदासीन है। नगरीय प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सिचव संजय दुबे का कहना है कि इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। इस बारे में मेट्रो रेल के एमडी से ही बात करें।

भोपाल मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने पिछले दिनों यातायात पुलिस को पत्र लिखकर एक महीने का ट्रैफिक डाइवर्जन मांगा था। यातायात पुलिस ने एक वैकल्पिक सड़क बनाने का सुझाव दिया था।

यातायात पुलिस के एसीपी मिलन जैन ने बताया कि मेट्रो कार्पोरेशन ने खुद रही सड़क के बगल में एक वैकल्पिक सड़क की व्यवस्था कर दी है। इससे यातायात सामान्य है। यह डाइवर्जन की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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