मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शनिवार को नगर निगम के सफाई व्यवस्था में लगे 8 हजार से अधिक कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी. जिससे शहर के 21 जोन में स्थित करीब 4 लाख घरों में कचरा उठाने के लिए नगर निगम की गाड़ियां नहीं पहुंचीं.
सड़क और कॉलोनियों में झाड़ू लगाने वाले सफाईकर्मी भी गायब रहे. हालांकि शहर के कुछ इलाकों में सफाईकर्मियों ने काम जारी रखा, जिनकी संख्या बहुत कम थी.
भोपाल नगर निगम के सभी दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मचारी 7 नवंबर की सुबह नौकरी पर पहुंचे, लेकिन उन्होंने काम नहीं किया. कोलार स्थित नगर निगम के जोन कार्यालय के सामने एकत्रित होकर कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल किया.
साथ ही सरकार और नगर निगम प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए. इसमें बड़ी संख्या में महिला सफाई कर्मचारी भी शामिल रहीं. इसी तरह अन्य जोन क्षेत्रों में भी सफाईकर्मियों ने प्रदर्शन किया.
एक साथ 8 हजार से अधिक सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से शहर के मुख्य बाजार, चौक-चौराहों और कॉलोनियों में कचरे का ढेर लग गया. प्रतिदिन शहर से करीब 800 मीट्रिन टन कचरा उठता है, लेकिन शनिवार को हड़ताल की वजह से करीब 500 मीट्रिक टन कचरा सड़कों पर बिखरा रहा.
वहीं, आधा वेतन मिलने से परेशान होकर नगर निगम के स्वास्थ्य अमले के कर्मचारी माता मंदिर स्थित निगम कार्यालय पहुंच गए और बाहर खड़े होकर नारे लगाने लगे. जब इनसे मिलने के लिए कोई अधिकारी नहीं आया, तो बड़ी संख्या में पहुंचे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी नगर निगम आयुक्त संस्कृति जैन के कार्यालय का घेराव कर दिया. हालांकि, बाद में निगम आयुक्त की समझाइश के बाद कर्मचारी काम पर वापस लौटने को तैयार हो गए.
नगर निगम के अपर आयुक्त वित्त गुणवंत सेवत्कर ने कहा, “नगर निगम में सभी कर्मचारियों के लिए 16 अक्टूबर से ई अडेंटेंस सिस्टम लागू किया गया है. जिस कारण केवल 16 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर का वेतन बना है. वही कर्मचारियों को दिया गया. जबकि बचे हुए 15 दिन का वेतन मैन्युअली तैयार किया जा रहा है. सोमवार को सभी कर्मचारियों को 15 दिनों के वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा.”
कर्मचारी नेता अशोक वर्मा ने बताया कि “नगर निगम के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब सफाई कर्मचारियों को 30 दिन काम करने के बाद 15 दिनों का वेतन दिया जा रहा है. जिसके कारण शनिवार को नगर निगम के स्वास्थ्य शाखा के करीब 8 हजार दैनिक वेतन भोगी काम बंद हड़ताल पर हैं. मांगों को लेकर नगर निगम आयुक्त से चर्चा चल रही है. इसलिए सभी 21 जोन में सफाई व्यवस्था ठप रही. हालांकि, कुछ जोन 14 और 15 में आंशिक रूप अधिकारियों के दबाव में सफाई कर्मियों ने काम किया.”



