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प्रधान आरक्षक के साहस से टला बड़ा हादसा, 45 यात्रियों की बचाई जान

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मध्यप्रदेश पुलिस के प्रधान आरक्षक अरविंद रघुवंशी ने अदम्य साहस और कर्त्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुए एक बड़ा हादसा टाल दिया।

शनिवार 25 अक्टूबर शाम को ईसागढ़ होते हुए इंदौर जा रही एक बस में अशोकनगर जिले के बामनवर के पास अचानक आग लग गई। बस में लगभग 40 से 45 यात्री सवार थे।

बस में आगे की पंक्ति में बैठे कदवाया थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक अरविंद रघुवंशी ने सबसे पहले बस के बोनट से धुआं उठते देखा और तुरंत ड्राइवर को इसकी सूचना दी। ड्राइवर ने बस को साइड में रोका, तभी आग फैलने लगी।

स्थिति की गंभीरता को समझते हुए प्रधान आरक्षक रघुवंशी और क्लीनर छोटा केवट बस के गेट से बाहर निकले, परंतु उसी दौरान गेट के आसपास आग फैल गई जिससे यात्रियों के लिए बाहर निकलना कठिन हो गया।

बिना देर किए दोनों ने असाधारण साहस दिखाते हुए बस की खिड़कियों के शीशे तोड़कर यात्रियों को बाहर निकालना शुरू किया। धुएं और लपटों के बीच उन्होंने अंतिम यात्री के सुरक्षित बाहर आने तक राहत कार्य जारी रखा। उसी समय पूरी बस आग की चपेट में आ चुकी थी, परंतु दोनों के सूझबूझ भरे निर्णय और वीरता से सभी यात्रियों की जान सुरक्षित रही।

मध्यप्रदेश पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा ने प्रधान आरक्षक अरविंद रघुवंशी और क्लीनर छोटा केवट के साहसिक कार्य की सराहना करते हुए कहा कि यह कर्त्तव्यपरायणता, मानवता और सेवा भावना का प्रेरक उदाहरण है। पुलिस महानिदेशक स्तर से दोनों को सम्मानित किया जाएगा ।

प्रधान आरक्षक अरविंद रघुवंशी की यह कार्यवाही न केवल उनकी बहादुरी को दर्शाती है बल्कि यह भी सिद्ध करती है कि मध्यप्रदेश पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी हर परिस्थिति में जनता की सुरक्षा और सहायता के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।

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