महागठबंधन में सहयोगी दलों के बीच बिहार की कई सीटों पर कांग्रेस और राजद आमने-सामने है। इस तरह राजद और वीआइपी को लेकर भी कई तरह की कई तरह की उलझन है।
दरभंगा की गौड़ाबौराम सीट पर राजद ने अपने प्रत्याशी को सिंबल दे दिया था। बाद में मुकेश साहनी वहां से खुद नामांकन करने वाले थे। ऐन वक्त पर वहां से उन्होंने अपने भाई संतोष साहनी को नामांकन करवाया और राजद को अपने प्रत्याशी के बारे में निर्वाचन अधिकारी को लिखना पड़ा की वहां से उनके सिंबल पर कोई नहीं रहेगा। यदि कोई आवेदन करता है तो उसे रद कर दिया जाए।
कांग्रेस और राजद करीब 12 सीटों पर आमने-सामने हैं। दूसरे चरण के नामांकन के आखिरी दिन मधुबनी की बाबूबरही सीट पर राजद और वीआइपी आमने सामने आ गए हैं। राजद से अनिल सिंह कुशवाहा ने और वीआईपी से राजद के पूर्व विधायक व जिला परिषद अध्यक्ष बिंदु गुलाब यादव ने नामांकन पत्र दाखिल किया है।
इसके बाद बाबूबरही की लड़ाई में काफी दिलचस्प मोड़ आ गया है। पहले इस बात की चर्चा थी कि बिंदु गुलाब यादव या उनके पिता गुलाब यादव झंझारपुर सीट से लड़ेंगे मगर वहां इन्होंने की के खिलाफ मोर्चा नहीं खोला बल्कि बाबूबरही से ताल ठोक कर सीधे राजद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
पूर्व केंदीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव के पुत्र आलोक यादव वहां पहले ही जन सुराज से नामांकन कर चुके हैं। जदयू ने मौजूदा विधायक मीणा कामत को ही खड़ा किया है। जब की इस सीट पर तेज प्रताप यादव की जनशक्ति जनता दल से भी शांति देवी प्रत्याशी के तौर पर लड़ रही हैं।