पटना। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए में सीटें नहीं मिलने पर दर्द बयां किया है। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा है कि हम बिहार में अलग मोर्चा बनाकर भी चुनाव लड़ सकते हैं। बता दें कि एनडीए रविवार को सीट शेयरिंग का ऐलान कर दिया है। भाजपा और जेडीयू 101-101, लोजपा आर 29 और हम-आरएलडी 6-6 सीटों पर चुनाव लडेंगे। वहीं राजभर की पार्टी के खाते में एक भी सीट नहीं आई।
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि कहा कि हम तीन-चार सीटें ही मांग रहे थे, लेकिन हमें एक भी सीट नहीं दी गई। क्या हम सिर्फ वोट दिलाने की मशीन हैं? उपचुनाव में तो मैंने वोट दिला दिया था। लेकिन, इस बार ऐसा कुछ भी होने वाला नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि बिहार में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने केंद्रीय नेतृत्व को सही जानकारी नहीं दी, जिसका खामियाजा मौजूदा समय में बिहार की जनता को भुगतना पड़ रहा है। लेकिन, कोई बात नहीं है। हमारी बिहार में क्षेत्रीय दलों से बातचीत हो रही है। आगे चलकर हम बिहार में अलग मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ सकते हैं।
भाजपा के नेताओं ने दिया था आश्वासन
उन्होंने कहा कि जब हमने बिहार में बीते दिनों दो सीटों पर चुनाव लड़ा था, तो भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने हमें आश्वस्त किया था कि हम आगामी दिनों में बिहार में एक साथ चुनाव लड़ेंगे। लेकिन, अफसोस लोग ये सब बातें भूल चुके हैं। खैर, कोई बात नहीं। हमें इसका कोई मलाल नहीं है। मैं आपको बता दूं कि हम लोग 153 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
ममता के बयान पर भी किया पलटवार
इसके अलावा, उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के लिए मुनासिब रहेगा कि वे पहले अपना राज्य देख लें। हमारे राज्य में सबकुछ ठीक है। अगर यकीन नहीं हो, तो जरा एनसीआरबी की रिपोर्ट देख लें, तो सब कुछ साफ हो जाएगा। पहले राज्य में गुंडों और माफियाओं का राज चलता था, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है। आज प्रदेश में पूरी तरह से कानून का राज है। अपराधियों में कानून का खौफ है।
योगी को घुसपैठिया करार देने पर राजभर ने अखिलेश पर किया कटाक्ष
वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सीएम योगी को घुसपैठिया करार दिया है। इस पर ओम प्रकाश राजभर ने आपत्ति जताई और अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब वे ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहे थे, तो उत्तराखंड उत्तर प्रदेश का हिस्सा था। अखिलेश यादव को इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।