भोपाल। छिंदवाड़ा जिले के परासिया में कोल्ड्रिफ कप सिरप ने कोहराम मचा दिया है। यह जहरीली कप सिरप अब तक 14 मासूमों की जान ले चुकी है। वहीं कई नागपुर के हास्पिटलों में भर्ती है। मासूमों की मौत को लेकर मप्र सरकार एक्शन में आ गई है। मप्र में मेडिसिन बिक्री पर प्रतिबंध और डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 3 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य को भी हटाया गया है।
सरकार ने औषधि निरीक्षक छिंदवाड़ा गौरव शर्मा, औषधि निरीक्षक जबलपुर शरद कुमार जैन, उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन शोभित कोस्टा पर गाज गिराई है। वहीं आईएएस अधिकारी ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य को अन्यत्र स्थानांतरित किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि छिंदवाड़ा प्रकरण में सभी दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार सजग और संवेदनशील है, मानव जीवन की सुरक्षा से जुड़े मामलों में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
छिंदवाड़ा के आसपास जिलों में चलेगा विशेष अभियान
बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को छिन्दवाड़ा जिले परासिया के दौरे पर भी पहुंचे। जहां उन्होंने पीड़ित परिजन से भेंट की और मासूमों के असमय निधन पर उन्होंने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए सभी को ढांढस बंधाया। सीएम ने निर्देश दिए कि कोल्ड्रिफ सिरप के बेचने पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही दुकानों में उपलब्ध स्टॉक जब्त किया जाए। छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में जिन परिवारों ने यह दवा ली है, उनके घरों से दवा रिकवर करने के लिए सघन अभियान चलाया जाए। आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं के साथ ही सभी शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों का सहयोग लिया जाए।
अन्य दवाओं की प्रभावशीलता की भी कराई जाए जांच
उन्होंने कहा कि कोल्ड्रिफ सिरप दवा के अलावा पिछले दिनों क्षेत्र में बिकने वाली अन्य दवाओं की प्रभावशीलता का भी आकलन कराया जाए। दवाओं पर जो चेतावनी और सावधानियां लिखी जानी चाहिए, वह लिखी जा रही है या नहीं इसकी जांच के लिए अभियान आरंभ किया जाए। इन नियमों का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जाए। चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कॉम्बिनेशन ड्रग नहीं देने की व्यवस्था है, जो डॉक्टर इस व्यवस्था का पालन नहीं कर रहे हैं, उन पर भी कार्रवाई की जाए।
जागरूकता फैलाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं
छिंदवाड़ा रवाना होने से पहले सीएम डॉ. यादव ने मामले में संबंध में सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर उच्च स्तरीय बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडियन एसोसिएशन आॅफ पीडियाट्रिक्स समेत चिकित्सकों के विभिन्न संगठनों और केमिस्ट एसोसिएशन के सहयोग से आवश्यक सावधानियां अपनाने और जागरूकता फैलाने के लिए कदम उठाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी स्थिति दोबारा न बने इसके लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरती जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कोल्ड्रिफ सिरप की निमार्ता कंपनी पर कार्रवाई के लिए तमिलनाडु राज्य सरकार को घटनाक्रम से अवगत कराने के निर्देश भी दिए।
आठ मरीजों की जांच के लिए नमूने पुण भेजे गए
बैठक में बताया गया कि छिंदवाड़ा से गंभीर प्रकरणों की जानकारी मिलते ही राज्य स्तर से चिकित्सकों का दल छिंदवाड़ा भेजा गया। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल और सेंट्रल ड्रग्स स्टेण्डर्ड कंट्रोल आॅगेर्नाइजेशन का भी जांच में सहयोग लिया गया। आठ मरीजों की जांच के लिए उनके नमूने पुणे स्थित प्रयोगशाला भेजे गए। साथ ही छिंदवाड़ा से विभिन्न दवाओं के सैम्पल लेकर उनकी जांच कराई गई। छिंदवाड़ा और परासिया के निजी चिकित्सकों, अस्पतालों और केमिस्ट के साथ बैठक कर स्थिति का आकलन किया गया और उन्हें आवश्यक सावधानियां बरतने के संबंध में सलाह दी गई। छिंदवाड़ा जिले में प्रभावित मरीजों को चिन्हित करने के लिए सर्वे आरंभ किया गया। क्षेत्र से प्राप्त हो रहे इस प्रकार के प्रकरणों को आवश्यकता होने पर आगे के इलाज के लिए शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय नागपुर के लिए रैफर किया गया। जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय स्तर पर दवा पर प्रतिबंध लगाया गया तथा अस्पतालों और केमिस्टों के निरीक्षण की प्रक्रिया भी आरंभ की गई।
हिमाचल व तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोलर्स को दी सूचना
बैठक में जानकारी दी गई कि ड्रग कंट्रोलर जनरल आॅफ इंडिया और हिमाचल प्रदेश व तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोलर्स को भी इस संबंध में सूचना दी गई। तमिलनाडु ड्रग कंट्रोलर से कोल्ड्रिफ सिरप की जांच रिपोर्ट में नमूने अमान्य पाए जाने पर त्वरित कार्रवाई करते हुए सिरप के विक्रय को पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित किया गया। साथ ही अधिकांश मरीजों को कोल्ड्रिफ दवा लिखने तथा अपने परिवार के सदस्य के माध्यम से कोल्ड्रिफ दवा की बिक्री कराने वाले डॉक्टर के निलंबन और दवा निमार्ता के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की गई।