27.7 C
Bhopal

सोनम वांग्चुक की पत्नी ने पाक-चीन लिंक से किया इनकार, कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

प्रमुख खबरे

लद्दाख के जाने-माने पर्यावरणविद और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर उनकी पत्नी डॉ. गीतांजलि जे अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अब याचिका की प्रति सामने आने के बाद कई नई दलीलें सामने आई हैं।

उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके पति को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है और यह संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 21 और 22 का सीधा उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट में कल जस्टिस अरविंद कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी।

याचिका के अनुसार, 26 सितंबर को जब सोनम वांगचुक लद्दाख में अपने शांतिपूर्ण उपवास से उबर रहे थे, तभी उन्हें लेह के उपायुक्त ने NSA के तहत हिरासत में लिया। इसके बाद उन्हें बिना किसी लिखित कारण बताए राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। इस दौरान न तो उन्हें दवाइयां ले जाने दी गईं और न ही परिवार से मिलने की अनुमति दी गई।

ना कपड़े, ना दवा, ना मुलाकात

डॉ. गीतांजलि ने याचिका में बताया है कि पुलिस ने सिर्फ एक एसएमएस संदेश भेजकर गिरफ्तारी की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनके पति को न तो कानूनी सलाह का मौका मिला और न ही किसी तरह की पारिवारिक मुलाकात की इजाजत दी गई। उनका दावा है कि वह खुद घर में नजरबंद जैसी स्थिति में थीं और हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) के कैंपस को सुरक्षा बलों ने घेर लिया था।

याचिका में कहा गया है कि सोनम वांगचुक पिछले कई वर्षों से लद्दाख के लिए छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कई बार जलवायु परिवर्तन, हिमालयी पर्यावरण और जनजातीय अधिकारों पर शांतिपूर्ण तरीके से अभियान चलाए।

सितंबर 2025 में उन्होंने 35 दिन की भूख हड़ताल की घोषणा की थी, ताकि केंद्र सरकार लद्दाख को पर्यावरणीय सुरक्षा देने पर विचार करे। उपवास के दौरान उन्होंने हिंसा की निंदा की और गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्ण समाधान की अपील की थी।

लद्दाख की आवाज़ दबाने की कोशिश

डॉ. गीतांजलि ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यह कार्रवाई केवल उनके पति के खिलाफ नहीं बल्कि लद्दाख के शांतिपूर्ण जनआंदोलन को कुचलने की कोशिश है। उन्होंने दावा किया कि वांगचुक के संस्थान HIAL के कई कर्मचारियों और छात्रों से पुलिस ने पूछताछ की और निजी जानकारी मांगी गई।उनके अनुसार, ‘यह डर और दमन का माहौल बनाने की कोशिश है ताकि कोई भी पर्यावरण और लोकतंत्र के मुद्दों पर बोल न सके।’

देशद्रोह जैसी झूठी छवि गढ़ी जा रही

याचिका में कहा गया है कि कुछ जगहों पर गलत प्रचार किया जा रहा है कि सोनम वांगचुक के विदेशी संगठनों से संबंध हैं। डॉ. गीतांजलि ने इसे निंदनीय और दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार बताया। उन्होंने कहा कि उनके पति हमेशा भारतीय सेना के समर्थक रहे हैं, उन्होंने सीमावर्ती इलाकों में सैनिकों के लिए ठंड से बचाव वाली तकनीकें विकसित कीं और स्थानीय युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया।

एक समर्थक की आत्महत्या ने झकझोरा

याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद लद्दाख बौद्ध संघ के एक सदस्य ने आत्महत्या कर ली। परिजनों ने बताया कि वह सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी से बेहद दुखी थे। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में मानसिक पीड़ा और असंतोष को जन्म दिया है।

सुप्रीम कोर्ट से तत्काल हस्तक्षेप की मांग

डॉ. गीतांजलि ने अदालत से हैबियस कॉर्पस रिट जारी करने की मांग की है ताकि उनके पति को अदालत के सामने पेश किया जा सके। उन्होंने यह भी अपील की है कि उन्हें जल्द से जल्द दवाइयां, कपड़े और परिवार से संपर्क की अनुमति दी जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि सरकार अदालत के सामने गिरफ्तारी के आधार और आदेश की प्रतियां पेश करे।

सोनम गांधीवादी रास्ते पर चलने वाले एक पर्यावरण सैनिक

सोनम वांगचुक न केवल एक शिक्षक और नवप्रवर्तक हैं बल्कि हिमालयी पर्यावरण के रक्षक के रूप में जाने जाते हैं। 2018 में उन्हें मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी आइस स्तूपा जैसी नवाचार परियोजनाओं ने जलवायु परिवर्तन की समस्या पर पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। वे हमेशा कहते हैं कि लद्दाख का विकास तभी टिकाऊ होगा जब पर्यावरण और संस्कृति की रक्षा साथ हो।

याचिका में कहा गया है कि कुछ वर्गों द्वारा जानबूझकर पाकिस्तान और चीन से संबंध जैसी निराधार बातें फैलाई जा रही हैं, ताकि एक शांतिपूर्ण गांधीवादी आंदोलन को देशद्रोह के रंग में रंगा जा सके। उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल एक पर्यावरण कार्यकर्ता को बदनाम करने की कोशिश नहीं है, बल्कि लद्दाख की लोकतांत्रिक आवाज़ को दबाने का प्रयास है।

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

ताज़ा खबरे