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मप्र राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद उप्र सरकार अलर्ट

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देश के कई राज्यों में दूषित कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई है और तत्काल प्रभाव से कफ सिरप बेचने पर रोक लगा दी गई है।

मध्य प्रदेश की एक लैब रिपोर्ट में कोल्ड्रिफ सिरप नामक कफ सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल नामक जहरीले रसायन की मौजूदगी का खुलासा हुआ है, जो इंसानों के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार इस जहरीले केमिकल के सेवन से मध्य प्रदेश और राजस्थान में अब तक 11 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है।

घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तर प्रदेश ने राज्यभर में सभी कफ सिरप की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्री सन फार्मास्युटिकल कंपनी द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ सिरप के सैंपल में यह खतरनाक रसायन पाया गया था। यह वही सिरप है, जिसके सेवन से मध्य प्रदेश, राजस्थान और केरल में बच्चों की किडनी फेल होने और मौत की घटनाएं सामने आई हैं।

लखनऊ स्थित औषधि प्रशासन मुख्यालय से सभी जिलों के औषधि निरीक्षकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि सरकारी, गैर-सरकारी अस्पतालों, दवा दुकानों और गोदामों से सभी ब्रांडों के कफ सिरप के नमूने तत्काल एकत्र किए जाएं। इन नमूनों को जांच के लिए लखनऊ की प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि एक ही बैच नंबर के सिरप का नमूना दोबारा न लिया जाए। सहायक आयुक्त (औषधि) की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यदि किसी भी मेडिकल स्टोर या अस्पताल में कोल्ड्रिफ सिरप या श्री सन फार्मास्युटिकल कंपनी द्वारा निर्मित अन्य कोई सिरप पाया जाता है, तो उसका नमूना अभिरक्षा में लेते हुए बिक्री तत्काल रोकी जाए।

इसके अलावा कफ सिरप निर्माण में प्रयुक्त प्रोपाइलिन ग्लाइकॉल के नमूनों की भी जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि इस मामले के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

मंत्रालय ने कहा है कि दो साल से छोटे बच्चों को किसी भी प्रकार का कफ सिरप नहीं दिया जाना चाहिए, जबकि पांच साल से कम उम्र के बच्चों को केवल डॉक्टर की सलाह पर ही यह दवा दी जाए। विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों की सामान्य खांसी बिना दवा के भी ठीक हो जाती है, इसलिए घरेलू देखभाल और तरल पदार्थों पर ध्यान देना चाहिए।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस दूषित कफ सिरप के सेवन से अब तक देशभर में 14 बच्चों की मौत हो चुकी है। तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान और केरल सरकारें पहले ही कोल्ड्रिफ सिरप पर प्रतिबंध लगा चुकी हैं।

वहीं, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड में भी दवा की सैंपलिंग और जांच अभियान शुरू कर दिया गया है। राज्य सरकार ने जनता से अपील की है कि बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी कफ सिरप का उपयोग न करें और बच्चों में कोई भी दुष्प्रभाव दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।

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