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वोट काउंटिंग नियम में बदलाव, मतपत्रों की गिनती में देर हुई तो ईवीएम आखिरी राउंड रोका जाएगा

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चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटों की गिनती के नियमों में बदलाव किया है। डाक मतपत्रों की गिनती में देरी होने पर ईवीएम के अंतिम राउंड की गिनती रोक दी जाएगी जो पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी होने तक नहीं होगी।

यह व्यवस्था दिव्यांगजनों और 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के लिए घर बैठे मतदान की सुविधा के कारण लागू की गई है।

डाक मतपत्रों की बढ़ती संख्या को देखते और अंतिम में डाक मतपत्रों की गिनती होने से गड़बड़ी की आशंका को देख लिया फैसला

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने वोटों की गिनती के नियमों में अहम बदलाव किया है।

जिसमें डाक मतपत्रों की गिनती पूरी होने में अब यदि देरी होती है, तो ईवीएम के अंतिम राउंड के मतों की गिनती रोक दी जाएगी। और वह तब तक नहीं होगी जब तक पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी न हो जाएगी।

वोटों की गिनती की मौजूदा व्यवस्था में ईवीएम के मतों की गणना को पोस्टल बैलेट की गणना की ओर ध्यान दिए बगैर ही पूरा किया जा सकता था। वोटों की गिनती की यह व्यवस्था बिहार विधानसभा चुनाव से लागू होगी।

चुनाव आयोग ने गुरुवार को इन नियमों को जारी करते हुए कहा है कि चुनाव में डाक मतपत्रों की तेजी से बढ़ रही संख्या को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। आयोग का कहना है कि चुनाव में दिव्यांगजनों व 85 वर्ष या उससे अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए घर बैठे मतदान की व्यवस्था किए जाने से इनमें बढ़ोतरी हो रही है। वैसे भी देश में बढ़ती बुजुर्गों की संख्या को देखते हुए आने वाले दिनों में इसमें और बढ़ोतरी होने की संभावना है।

आयोग के वोटों की गिनती के नए निर्देशों के तहत अब मतगणना केंद्रों पर यदि डाक मतपत्रों की गिनती बाकी रहती है तो ईवीएम की गिनती को अंतिम राउंड के एक चरण पहले (सेकेंड लास्ट) ही रोक दी जाएगी और उसको डाक मतपत्रों की गणना के पूरा होने के बाद ही फिर शुरू किया जाएगा। आयोग ने डाक मतपत्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला निर्वाचन अधिकारियों से पर्याप्त संख्या में मतों की गिनती के लिए टेबल लगाने व कर्मचारियों की तैनाती के निर्देश दिए है, ताकि ईवीएम की गणना को रोकने की स्थिति न पैदा हो।

आयोग के मुताबिक मतगणना के दो प्रमुख हिस्से होते है, पहला डाक मतपत्रों की गणना और दूसरी ईवीएम मतों की गणना। मतगणना के दिन डाक मतपत्रों की गणना जहां आठ बजे शुरू हो जाती है तो ईवीएम मतों की गिनती साढ़े आठ बजे से शुरू होती है।

अब तक जो देखने को मिलता था, उसमें डाक मतपत्रों की गिनती प्रारंभ के एक- दो घंटे में ही पूरी हो जाती थी, जबकि ईवीएम की गिनती जारी रहती थी। लेकिन डाक मतपत्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इसमें अधिक लगने को देखते हुए चुनाव आयोग ने यह बदलाव किया है।

आयोग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक मतगणना के अंत में डाक मतपत्रों की गिनती होने से परिणाम में नजदीकी मामला होने पर उसमें गड़बड़ी या विवाद की स्थिति पैदा हो सकती है। ऐसे में जहां ईवीएम की अंतिम राउंड के पहले यानी यदि दस राउंड की गिनती है तो आठवें राउंड में ही यह देखा जाएगा कि डाक मतपत्रों की गिनती हो गई है या नहीं।

यदि नहीं हुई तो उसके पूरा होने का इंतजार किया जाएगा। उसके बाद ही ईवीएम के अंतिम राउंड की गिनती कराई जाएगी। चुनाव आयोग ने पिछले छह महीने में चुनाव सुधार से जुड़ी 29 अहम पहल की है।

 

 

 

 

 

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