भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक आहूत की गई। मंत्रालय में हुई बैठक में कैबिनेट ने कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी। मोहन कैबिनेट ने सबसे बड़ा फैसला नगरीय निकायों में अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर दिया है। अब नगर पालिका परिषद और नगर परिषदों के अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। यानि इनका भी चुनाव मतदाताओं द्वारा किया जाएगा। जबकि पहले यह प्रक्रिया पार्षदों के माध्यम से होती थी।
वर्ष 2022 तक नगर पालिका और परिषदों में अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से ही होता था, लेकिन बाद में इसे बदलकर अप्रत्यक्ष प्रणाली लागू कर दी गई थी। इसमें पार्षदों के मतों से अध्यक्ष चुना जाता था। इस व्यवस्था में राजनीतिक जोड़-तोड़ और अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी। ऐसी स्थिति से बचने के लिए सरकार ने नगर पालिका (संशोधन) अध्यादेश, 2025 को मंजूरी दे दी। इसके तहत मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 19, 20(2), 32 से 35, 43, 45, 47, 55, 63 और 328 सहित कई धाराओं में संशोधन किया जाएगा। बैठक में लिए फैसलों की जानकारी नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी।
अध्यक्ष पद पर अविश्वास प्रस्ताव की नई व्यवस्था
मंत्री ने बताया कि बैठक में तय किया गया कि अध्यक्ष को पद से हटाने के लिए अब तीन-चैथाई पार्षदों को अविश्वास प्रस्ताव लाना होगा। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ‘खाली कुर्सी-भरी कुर्सी’ चुनाव कराएगा। इसमें जनता ही यह निर्णय करेगी कि अध्यक्ष पद पर रहेंगे या हटेंगे। अध्यक्ष के प्रत्यक्ष चुनाव की यह नई व्यवस्था वर्ष 2027 के नगरीय निकाय चुनाव से लागू होगी। तब जनता अपने मताधिकार का उपयोग करते हुए सीधे अध्यक्ष का चुनाव करेगी। सरकार का कहना है कि इस बदलाव से पारदर्शिता बढ़ेगी और अविश्वास प्रस्तावों के कारण बार-बार पैदा होने वाली अस्थिरता समाप्त होगी।
वाहन स्क्रैप पॉलिसी को मंजूरी
कैबिनेट ने वाहन स्क्रैप पॉलिसी को भी स्वीकृति दी। अब वाहन स्क्रैप करने वाली संस्थाओं को उद्योग का दर्जा मिलेगा। इन्हें वही प्रोत्साहन दिए जाएंगे, जो अन्य उद्योगों को मिलते हैं। वाहन स्क्रैप कराने वाले व्यक्तियों को नया वाहन खरीदते समय मोटरयान कर में 50 फीसदी की छूट प्रदान की जाएगी। सरकार का मानना है कि इस कदम से न केवल प्रदूषण घटेगा बल्कि आम लोगों को नई गाड़ी खरीदने में आर्थिक राहत भी मिलेगी।