डॉ. मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बने हुए 20 महीने से अधिक हो चुका है. दिसंबर, 2023 में सरकार बनने के बाद मप्र के विधायकों और मंत्रियों ने क्या क्या काम किया है. इसका लेखा जोखा खुद मुख्यमंत्री मोहन यादव लेंगे.
वे सभी विभाग के मंत्रियों के साथ वन-टू-वन मीटिंग करेंगे और उनके कार्यों की समीक्षा करेंगे. मंत्रियों के काम-काज के हिसाब से मोहन सरकार के मंत्रिमंडल के अगले विस्तार में उनका भविष्य तय किया जाएगा.
दरअसल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जिस हिसाब से अपने मंत्रियों के कामों पर नजर बनाए हुए हैं, उस हिसाब से मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना दिख रही है.
मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ पूर्व मंत्रियों और वर्तमान विधायकों को जगह मिल सकती है. वर्तमान में मध्य प्रदेश में मख्यमंत्री समेत 31 मंत्री हैं. बताया जा रहा है कि अगर विस्तार होता है तो यहां नियमानुसार 35 मंत्री हो सकते हैं.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव अक्टूबर में मंत्रियों के साथ बैठकों का दौर शुरू करने की तैयारी में है. इस बैठक में मंत्रियों से उनके विभाग के हिसाब से जानकारी ली जाएगी. इस दौरान विधायकों के कामकाजों का भी सीएम मोहन द्वारा आकलन किया जाएगा.
विधायकों को चार साल के विकास कार्यों का रोडमैप बनाने को कहा गया था. विधायकों ने अब तक अपने निधि से कितना उपयोग किया है, इसकी रिपोर्ट बनाई गई है, जो सीएम मोहन के सामने प्रस्तुत की जाएगी.
गौरतलब है कि सीएम मोहन यादव ने इससे पहले भी मंत्रियों के कार्य प्रदर्शन की एक रिपोर्ट तैयार कराई थी, जो केंद्रीय नेतृत्व को भेजी गई. हाल ही में यह रिपोर्ट भोपाल में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष को भी दिखाई गई थी.
वन टू वन मीटिंग के दौरान सीएम मोहन यादव यह भी पूछेंगे कि उन्होंने कितने गांवों में रात्रि विश्राम किया और चौपाल लगाई. मंत्री अपने प्रभाव वाले जिलों में हर माह दौरा कर रहे हैं या नहीं. इस दौरान यह भी देखा जाएगा कि प्रभार वाले जिलों के अधिकारियों से मंत्री की तालमेल कैसी है. इस दौरान मत्रियों से आमजन और पार्टी कार्यक्रताओं के संतुष्टि के बारे में भी चर्चा की जाएगी.