भोपाल। बीते दिनों मप्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में ओबीसी आरक्षण पर सहमति तो जरूर बन गई है, लेकिन सियासत कम होने का नाम नहीं ले रही है। पीसीसी जीतू पटवारी ने ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार को घेरा है। जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव को चिट्ठी लिखकर ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा सरकार पर दोहरे और गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कड़ी आलोचना की।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सीएम मोहन यादव को लिखी चिट्ठी भी शेयर की। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने चिट्ठी में लिखा, मुख्यमंत्री जी, ओबीसी आरक्षण पर, धोखे पर धोखा देना बंद करें। उन्होंने लिखा, श्श्हाल ही में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर आपकी सरकार द्वारा अपनाए गए रुख ने मुझे और मध्य प्रदेश के पूरे ओबीसी समुदाय को बेहद निराश किया है। 28 अगस्त को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आपने स्वयं ओबीसी छात्रों के लिए 13 फीसदी होल्ड पदों को बहाल करने का आश्वासन दिया था। बैठक में कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने सहमति व्यक्त की थी, रिक्त पदों पर तुरंत बहाली का आग्रह भी किया था।
कथनी-करनी में जमीन-आसमान का अंतर
जीतू ने लिखा कि आपने आश्वस्त किया था कि दिल्ली में एडवोकेट जनरल के साथ एक अलग बैठक में इस पर चर्चा कर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। लेकिन, दिल्ली में हुई बैठक का नतीजा बिल्कुल विपरीत रहा। ओबीसी छात्रों और उनके वकीलों की मौजूदगी में आपके एडवोकेट जनरल ने 13 फीसदी होल्ड पदों को बहाल करने की बात से सीधे तौर पर इनकार कर दिया। उनका पूरा जोर सिर्फ ओबीसी आरक्षण के लिए एक विशेष अधिवक्ता नियुक्त करने पर था। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि आपकी सरकार की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है।
तो अपने वादे पर अडिग क्यों नहीं
जीतू पटवारी ने आगे लिखा, मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि यदि आप सच में ओबीसी समुदाय का भला चाहते हैं, तो अपने वादे पर अडिग क्यों नहीं रहते? भाजपा सरकार की यह यू-टर्न लेने की आदत साफ दिखाती है कि सत्ता के अहंकार में आप लोग केवल झूठे आश्वासन देते हैं और जनता को गुमराह करते हैं। आपकी सरकार का यह रवैया हाथी के दांत खाने के और, दिखाने के और वाली कहावत को भी चरितार्थ करता है।
सरकार की नीयत पर हो रहा संदेह
उन्होंने लिखा, सर्वदलीय बैठक में भी आपको आश्वस्त किया था कि हम ओबीसी समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए किसी भी हद तक समझौता करने को तैयार हैं। लेकिन, आपकी सरकार की नीयत पर अब संदेह हो रहा है। मैं फिर से बहुत स्पष्ट शब्दों में दोहरा रहा हूं कि 13 फीसदी होल्ड आरक्षण को हटाकर ओबीसी छात्रों को नियुक्तियां दें। यह पत्र केवल मांग नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश के ओबीसी युवाओं के भविष्य और आपके द्वारा किए गए वादे की याद दिलाने की लोकतांत्रिक और संवैधानिक आवाज है। यदि इसे अनसुना किया गया, तो यह एक बड़े आंदोलन का आधार बनेगा।