भोपाल। 2020 कांग्रेस की सरकार गिरने को लेकर पार्टी के दो दिग्गज नेता आमने-सामने आ गए हैं। राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि सरकार पूर्व सीएम कमलनाथ की वजह से गिरी है। अगर वह ज्योतिरादित्य सिंधिया की शर्तें मान लेते तो सरकार नहीं गिरती। दिग्गी के इस आरोप पर पलटवार करते हुए कमलनाथ ने कहा है कि अब गडे मुर्दे उखाडने का मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि सच यह हे कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह लगता था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं। इसी नाराजगी में उन्होंने कांग्रेस के विधायकों को तोड़ा और हमारी सरकार गिराई। कांग्रेस के इन दोनों दिग्गजों के बीच छिडी जंग पर भाजपा ने चुटकी ली है।
भाजपा प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि कमलनाथ ने स्वीकार कर लिया है कि श्रीमान बंटाधार ने ही उनकी सरकार का बंटाधार किया था। दिग्विजय सिंह ही उनकी सरकार को चला रहे थे। यह सच्चाई भी प्रमाणित हो गई है कि भाजपा पर सरकार गिराने का आरोप झूठा था। सच्चाई स्वीकारने के लिए कमलनाथ को बहुत-बहुत बधाई।
सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बने नाथ-दिग्गी के बयान
बता दें कि मध्य प्रदेश में वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आई थी, मगर 15 माह बाद ही 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी के चलते 22 विधायकों ने पार्टी छोड़ी और सरकार गिर गई थी। इस पूरे घटनाक्रम पर अब दो दिग्गज नेताओं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह, के बीच जिरह का विषय बन गया है। यही नहीं इन दोनों नेताओं के बयान सियासी गलियारों में भी चर्चा का विषय बने हुए हैं। वहीं दोनों नेताओं के बीच बढ़ती बयानबाजी से हाईकमान चिंतित नजर आ रहा है।
यह बोले दिग्गिजय सिंह
बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक मीडिया हाउस से बातचीत में कांग्रेस की सरकार गिरने का जिक्र किया। इतना ही नहीं, उन्होंने यहां तक कहा कि कमलनाथ, सिंधिया और उनकी एक बड़े उद्योगपति की मौजूदगी में चर्चा हुई थी। बाद में ग्वालियर-चंबल इलाके से जुड़े कुछ नेताओं की नियुक्ति पर सहमति बनी और उस पर सिंधिया तथा दिग्विजय सिंह ने हस्ताक्षर कर कमलनाथ को सूची सौंपी, मगर उस पर अमल नहीं हुआ। सरकार गिरने की बड़ी वजह यह घटनाक्रम बना।
नाथ का पलटवार
वहीं, कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह के बयान पर पलटवार किया है और कहा है कि मध्य प्रदेश में 2020 में मेरे नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिराने को लेकर हाल ही में कुछ बयानबाजी की गई है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि पुरानी बातें उखाड़ने से कोई फायदा नहीं, लेकिन यह सच है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया को लगता था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं। इसी नाराजगी में उन्होंने कांग्रेस की विधायक तोड़ा और हमारी सरकार गिराई।



