पटना। बिहार विधानसभा के पांच दिवसीय मानसून सत्र का आखिरी दिन है। सदन की चार दिन की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ गई है। विपक्ष का यह रवैया आज भी जारी रहा। विशेष मतदाता सूची संशोधन के खिलाफ विपक्षी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। इतना ही नहीं, विधायकों ने सदन के बेल में आकर नारेबाजी की और प्रश्नकाल के दौरान मेजें गिराने की कोशिश की। खास बात यह रही की विपक्षी विधायकों पर विधानसभा स्पीकर नंद किशोर यादव की अपील का भी असर नहीं हुआ। आखिर में उन्होंने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के स्थगित कर दिया।
बता दें कि विपक्षी विधायक, जो राज्य में विशेष मतदाता सूची संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, लगातार पांचवें दिन काले कपड़े पहनकर विधानसभा पहुंचे। विपक्ष का यह विरोध मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं पर चर्चा की मांग को लेकर था। हंगामे के दौरान सदन में मौजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष की विरोध पोशाक पर कटाक्ष किया। सीएम नीतीश ने कहा कि सब एक जैसे कपड़े पहने हुए हैं। एक बात तो साफ हो गई है, पहले एक-दो दिन हंगामा होता था, बाकी दिन काम चलता रहता था। अब तो सब रोज यही काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि लोग जानते हैं कि सरकार ने कितना काम किया है और हर जगह लोगों को लाभ मिल रहा है।
विपक्ष के हंगामे से प्रभावित हुआ विधायी कामकाज
पांच दिवसीय मानसून सत्र में विपक्ष ने मतदाता सूची संशोधन को लेकर लगातार हंगामा किया, जिससे विधायी कामकाज प्रभावित हुआ। विपक्ष का आरोप है कि सरकार और चुनाव आयोग मिलकर विधानसभा चुनाव से पहले गरीबों के नाम मतदाता सूची से हटा रहे हैं। सरकार ने इस आरोप को खारिज किया है। सत्र शुरू होने से ही विपक्ष दोनों सदन के अंदर और बाहर हंगामा कर रहा है, और मतदाता सूची संशोधन पर बहस की मांग कर रहा है।
मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, जहां विपक्ष ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया है। चुनाव आयोग ने विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) का बचाव करते हुए कहा है कि यह मतदाता सूची से श्अयोग्य व्यक्तियोंश् को हटाकर चुनाव की शुद्धता बढ़ाता है।