23.1 C
Bhopal

ओबीसी आरक्षण पर लगी रोक को हटवाने मप्र सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट

प्रमुख खबरे

मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण पर सियासत दोबारा तेज हो गई है। कांग्रेस जहां सरकार को घेरने की तैयारी में जुटी है और मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाएगी। वहीं, सरकार बढ़ाए गए 13 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर लगी रोक को हटवाने के सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।

पांच अगस्त को मामले की सुनवाई होगी। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने इसे सरकार का दिखावा बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोर्ट स्पष्ट कर चुका है कि 27 प्रतिशत आरक्षण पर कोई रोक नहीं है तो फिर उसे लागू क्यों नहीं किया जा रहा है।

हाई कोर्ट जबलपुर ने 2022 में ओबीसी आरक्षण की सीमा 14 प्रतिशत यानी पहले की तरह सीमित कर दी थी। कांग्रेस सरकार में इसे बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया था लेकिन विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के अभ्यर्थियों ने इसे हाई कोर्ट में इस आधार पर चुनौती दी कि कुल आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक हो रही है। कोर्ट में महाधिवक्ता कार्यालय में 87 प्रतिशत पदों के परिणाम घोषित करते हुए शेष 13 प्रतिशत पदों पर नियुक्ति को रोकने का फार्मूला दिया।

इसके आधार पर तब से भर्तियां हो रही हैं। विभिन्न याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में चल रही हैं। इसे लेकर कांग्रेस सरकार से लगातार सवाल पूछती रही है कि अब तक आरक्षण लागू क्यों नहीं किया गया। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि हाई कोर्ट 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर चुका है।

सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि जब कोई स्थगन नहीं तो फिर इसे लागू क्यों नहीं किया जा रहा है। इसके बाद भाजपा सरकार का फिर सुप्रीम कोर्ट जाना दर्शाता है कि वे ओबीसी को उसका अधिकार नहीं देना चाहती है। हर मंच पर ना केवल इसका जवाब मांगा जाएगा बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट भी ठीक से ओबीसी वर्ग का पक्ष प्रस्तुत हो।

 

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

ताज़ा खबरे