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कर्नाटक कांग्रेस में सीएम की कुर्सी को लेकर घमासान तेज, शीर्ष नेतृत्व को मैसेज देने डीके ने अपनाया अनोखा तरीका

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बेंगलुरु। कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर घमासान मचा हुआ है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया जहां कुर्सी छोडने के लिए तैयार नहीं है तो वहीं, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को सीएम बनाने के लिए उनके समर्थकों ने मोर्चा खोल दिया है। हालाांकि सीएम पद को लेकर डीके भी अपना दर्द बयां कर चुके हैं। उन्होंने कहा है शीर्ष नेतृत्व जैसा चाहेगा मैं वैसा ही करूंगा। इन सबके बीच डीके शिवकुमार से जुडी एक बडी खबर सामने आई है। दरअसल डीके अगले तीन दिनों तक किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे और पार्टी से कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात नहीं करेंगे। यह जानकारी उन्होंने स्वयं दी है।

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, मैं अन्य व्यस्तताओं के कारण अगले तीन दिनों तक जनता, पार्टी कार्यकतार्ओं या पार्टी नेताओं से मुलाकात नहीं कर पाऊंगा। इससे होने वाली किसी भी असुविधा के लिए मुझे खेद है। हालांकि, डीके शिवकुमार ने कारणों का खुलासा नहीं किया है कि वह किस वजह से लोगों और पार्टी नेताओं से मुलाकात नहीं कर पाएंगे, लेकिन सियासी गलियारे में उनके तीन दिन के ब्रेक को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है।

कर्नाटक कांग्रेस से लगातार आ रही खींचतान की खबरें
बता दें कि कर्नाटक कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी में आपसी खींचतान और गुटबाजी की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। ऐसी चर्चा है कि कांग्रेस हाईकमान राज्य में कुछ बदलाव कर सकता है। इस बीच, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के करीबी विधायक ने बड़ा बयान देते हुए कहा था कि राज्य के नेतृत्व में बदलाव होना चाहिए। कांग्रेस विधायक इकबाल हुसैन ने कहा था, वे हाईकमान से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री चेंज करने का मुद्दा जरूर उठाएंगे। पार्टी हाईकमान को लीडरशिप में बदलाव करना ही होगा। हमको बदलाव चाहिए। हमें डीके शिवकुमार को राज्य का मुख्यमंत्री बनाना है और उन्हें सीएम बनाकर रहेंगे।

डीके ने पार्टी के लिए दी कुर्बानी
इकबाल हुसैन ने कहा था कि डीके शिवकुमार ने पार्टी के लिए जितनी कुर्बानी दी है, उसे बयां करना मुश्किल है। हम बोल रहे हैं कि राज्य का नेतृत्व चेंज होगा। हालांकि, इससे पहले उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने साफ शब्दों में कह दिया था कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है। मुझे किसी विधायक से सिफारिश की जरूरत नहीं है। अगर कोई नेता पार्टी के अनुशासन के खिलाफ बयान देता है तो निश्चित रूप से उसके खिलाफ एक्शन होगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के नेतृत्व में कोई परिवर्तन नहीं होगा। अगर कोई समस्या होती तो मिल बैठकर समाधान निकाल लेंगे।

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