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सावन के पहले सोमवार को मप्र में शिवभक्ति की देखने को मिली अलौकिक छटा, बम-बम भोले के जयकारों से गूंजी धार्मिक-तीर्थ नगरी

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उज्जैन। सावन के पहले सोमवार को पूरे मध्यप्रदेश में शिवभक्ति की अलौकिक छटा देखने को मिली। मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन और तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर समेत तमाम शिव मंदिरों में हर-हर महादेव और बम-बम भोले की गूंज सुनाई दे रही है। भक्त सुबह से शिवालय पहुंचकर भोलेनाथ की आराधना और अनुष्ठान करते दिखाई दे रहे हैं। बता दें कि सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को समर्पित रहता है। ऐसे में भक्त इस पूरे महीने भक्ति में लीन रहते हैं।

धार्मिक उज्जैन में भस्म आरती के बाद श्रद्धालु बड़ी तादाद में बाबा महाकाल को जल अर्पित करने पहुंच रहे हैं। तड़के 2ः30 बजे भगवान महाकाल के पट खुले। इसके बाद भगवान महाकाल को स्नान कराया गया। फिर पंचामृत अभिषेक कर भगवान महाकाल का राजा के रूप में विशेष श्रंगार किया गया। इसके बाद महाकाल मंदिर के पुजारी ने भगवान महाकाल की भस्म आरती की। जिसे देखने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु वहां पहुंचे। भक्तो कीं लंबी-लंबी कतारें अभी लगी हुई है और हर तरफ हर हर महादेव और महाकाल की जय कारे सुनाई दे रहे

अलौकिक रूप में सजे बाबा महाकाल
भगवान महाकाल का रजत चंद्र, त्रिशूल, मुकुट और आभूषण के साथ भांग, चंदन और ड्रायफ्रूट से श्रृंगार किया गया। इसके बाद भस्म चढ़ाई गई। महाकाल ने शेषनाग का मुकुट, रजत मुंडमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ-साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की। इसके बाद फल और मिष्ठान का भोग लगाया। शाम 4ः 00 बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल-चाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे।

हजारों की संख्या में तीर्थ नगरी पहुंचे श्रद्धालु
ओंकारेश्वर में हजारों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचे हैं और शिवजी की अराधना कर रहे हैं। कांवड़िए नर्मदा नदी का जल लेकर शिवजी को चढ़ा रहे हैं। यहां आदि शंकराचार्य का विशेष स्थल भी बनाया गया है, जहां लोग पुण्य कमाने पहुंच रहे हैं। राजधानी के पास भोज मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी है। वे शिवजी को बेलपत्र, धतूरा और जल चढ़ाकर मनोकामनाएं मांग रहे हैं। कई श्रद्धालु मीलों दूर से पैदल आ रहे हैं। यहां का माहौल पूरी तरह शिवमय है।

सभी शिवालयों में लगी श्रद्धालुओं की कतारें
राज्य के सभी हिस्सों में स्थित शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार लगी हुई है। पूजा-पाठ और अनुष्ठान चल रहे हैं। लोग शिवजी को पंचामृत से स्नान कराकर बेलपत्र और फूल चढ़ा रहे हैं। हर तरफ श्हर हर महादेवश् और श्बम भोलेश् के जयकारे गूंज रहे हैं। इसी तरह, देवास स्थित बिलावली महाकालेश्वर मंदिर में भी सुबह से ही बाबा महाकालेश्वर के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है। श्रद्धालु पूजा की थाली में जल, दूध, बिलपत्र, फूल और प्रसाद लेकर अपने भोले बाबा को जल चढ़ाकर आशीर्वाद ले रहे हैं।

बिलावली महाकालेश्वर मंदिर में है स्वयंभू शिवलिंग
मंदिर के पुजारी के अनुसार, बिलावली महाकालेश्वर मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग है, जो श्तिल-तिल बढ़ता शिवलिंगश् के नाम से प्रसिद्ध है। कथा है कि पहले एक पुजारी रोज उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन के लिए जाते थे, लेकिन एक बार रास्ते में नालपुर के कारण उज्जैन नहीं पहुंच सके। वहां उन्होंने बाबा का जाप किया, तो स्वयं महाकाल ने दर्शन दिए और कहा कि 5 मिनट में अच्छी जगह रखो, मैं बिलावली में प्रकट होऊंगा। इसके बाद बिलावली में यह शिवलिंग प्रकट हुआ, जो थोड़ा तिरछा है। यह शिवलिंग भक्तों की हर मनोकामना पूरी करता है। यही कारण है कि न सिर्फ मध्य प्रदेश, बल्कि दूर-दूर से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।

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