भोपाल। सीएम हाउस में आयोजित लोकतंत्र सेनानियों के प्रादेशिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम डॉ. मोहन यादव ने बड़ी घोषणा की है। सीएम ऐलान किया है कि 70 साल से अधिक आयु के लोकतंत्र सेनानियों को आयुष्मान कार्ड से नि:शुल्क इलाज और आवश्यकता अनुसार एम्बुलेंस सेवा की सुविधा भी दी जाएगी। सीएम ने कहा कि लोकतंत्र शासन को जवाबदेह बनाता है, नागरिकों को अधिकार देता है और प्रत्येक व्यक्ति को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है। लोकतांत्रिक प्रणाली ही हमारी विविधता में एकता को बनाए रखने का आधार है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि लोकतंत्र भारतीय सभ्यता और संस्कृति का अभिन्न अंग है। यह केवल एक शासन प्रणाली नहीं, बल्कि हमारी जीवनशैली की आत्मा और पहचान है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र भारतीय जनमानस में पुराकाल से रचा-बसा है और इसकी जड़ें हमारी परंपराओं में गहराई तक फैली हुई हैं। लोकतंत्र की मजबूती में लोकतंत्र सेनानियों के अमूल्य योगदान की सराहना करते हुए कहा कि हमारा वर्तमान लोकतंत्र उनके अनथक संघर्ष और बलिदान का ही परिणाम है। आज हम एक मजबूत और जवाबदेह लोकतांत्रिक व्यवस्था में जीवन व्यतीत कर रहे हैं, इसके मूल में लोकतंत्र सेनानी ही हैं।
सीएम डॉ. यादव ने सभी का आह्वान किया कि लोकतंत्र की इस विरासत को आगे बढ़ाना हम सबका नैतिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। दुनिया हमारी ओर हैरत से देखती है कि यहां लोकतंत्र की जड़ें कितनी गहरी हैं। भारत देश सच्चे अर्थों में लोकतंत्र का जनक है। उन्होंने कहा कि हम सब लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने वाली विरोधी ताकतों से मिलकर लड़ेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र सेनानियों के हित में घोषणा करते हुए कहा कि अब 70 साल से अधिक आयु के सभी लोकतंत्र सेनानियों को आयुष्मान कार्ड के माध्यम से नि:शुल्क इलाज और आवश्यकता पड़ने पर पीएम एयर एम्बुलेंस की सुविधा भी दी जाएगी।
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित किया है। आज 26 जून को लोकतंत्र सेनानी प्रादेशिक सम्मेलन हो रहा है। आपातकाल के दौर में लोकतंत्र सेनानियों की क्या चुनौतियां थी, ये मुझे बचपन में समझने का मौका मिला। एक भूतपूर्व प्रधानमंत्री ने अपना शासन बरकरार रखने के लिए देश पर आपातकाल लगा दिया था। उस आपातकाल की देश ने बड़ी कीमत चुकाई। लोकतंत्र को बचाने के लिए तत्कालीन लोकतंत्र सेनानियों का संघर्ष पूरा देश याद रखेगा।तत्समय कांग्रेस सरकार ने चुनी हुई सरकारों को भंग करने का कार्य किया था। कांग्रेस शासनकाल में इन्हीं के एक वरिष्ठ नेता ने अध्यादेश की कॉपी फाड़कर चुनी हुई सरकार और संविधान का अपमान किया था।