सीहोर। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश के अनेक स्थानों के अपने दौरों के पीछे राजनीतिक मंशा होने की धारणाओं को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनके साथ वैज्ञानिक भी खेतों तक जा रहे हैं और ये चुनाव प्रचार के लिए नहीं जा रहे, बल्कि सरकार ‘एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम’ की भावना से काम कर रही है।
केंद्र सरकार 29 मई से 12 जून तक ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ चला रही है जिसके तहत चौहान देश के अनेक स्थानों की यात्राएं कर रहे हैं और किसानों से मिल रहे हैं। इस अभियान के तहत कृषि वैज्ञनिक खेतों में जाकर किसानों से संवाद कर रहे हैं। चौहान कहा कि अब सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं में बैठकर शोध नहीं करें, वे खेतों में आकर किसानों की जरूरतों को समझकर अनुसंधान करें।
हम सब ऐसे कर रहे काम
शनिवार को सीहोर जिले में किसानों के विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए चौहान ने कहा, अभी तक सब अलग-अलग दिशाओं में काम करते आए हैं। आईसीएआर के वैज्ञानिक खेत में नहीं आते थे, किसानों से उनका संवाद नहीं होता था। कृषि विश्वविद्यालयों और संस्थानों का सहयोग नहीं मिलता था। अब हम सब मिलाकर ‘एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम’ की तरह काम कर रहे हैं। कृषि मंत्री के पिछले कुछ दिन में मध्य प्रदेश के लगातार दौरों पर राज्य में कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सवाल खड़े किए हैं।
राज्य शुभ और पवित्र भाव से कर रहे काम
इस तरह के दौरों में राजनीतिक आकांक्षाओं के सवाल पर चौहान ने कहा, कृषि वैज्ञानिक खेतों में जा रहे हैं तो क्या चुनाव प्रचार के लिए जा रहे हैं? कृषि विभाग के अधिकारी भी किसानों के पास जा रहे हैं। इस अभियान में हम राज्यों को साथ ले रहे हैं। शुद्ध और पवित्र भाव से काम कर रहे हैं। अब तक किसी ने नहीं किया, मैं कर रहा हूं तो (विपक्षी) ऐसा क्यों सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत की खेती मौसम पर निर्भर करती है और सबकुछ ठीक रहा तो कृषि विकास दर तीन से पांच प्रतिशत बनी रहने का विश्वास है।
एक साल के कार्यकाल की उपलब्धियों का भी किया बखान
कृषि मंत्री के रूप में अपने एक साल के कार्यकाल की उपलब्धियों के बारे में पूछे जाने पर चौहान ने कहा, संयुक्त रूप से जो काम किया गया है, उसका बड़ा असर यह है कि इस साल गेहूं, धान, सोयाबीन, मूंगफली और मक्का आदि का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है जितना कभी नहीं हुआ। यह अपने आप में एक चमत्कार है। उन्होंने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों और योजनाओं को देते हुए कहा कि इन्हें जमीन पर सही से उतारने के परिणाम मिले हैं।
सरकार एकीकृत कृषि मॉडल पर दे रही जोर
चौहान ने कहा कि सरकार एकीकृत कृषि मॉडल और कृषि विविधीकरण पर जोर दे रही है ताकि कम जोत में एक से अधिक फसल उगाई जा सकें और किसान लाभान्वित हों। उन्होंने कहा, हम एक और चुनौती पर तेजी से काम कर रहे हैं, वह है अच्छे बीज, ज्यादा उत्पादन देने वाले बीज। अच्छे बीज की किस्म विकसित करनी होंगी, जैसे कि जीनोम एडिंिटग के माध्यम से धान के दो बीज तैयार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार टमाटर जैसी सब्जियों और विभिन्न ‘पेरिशेबिल’ (कुछ समय में खराब होने वाले) फलों की ‘शेल्फ लाइफ’ बढ़ाने पर और उनके प्रसंस्करण के तरीकों पर भी काम कर रही है।
दोषियों को कड़ी सजा दिलानें में कोई समझोता नहीं
चौहान ने कहा कि नकली कीटनाशकों पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून बनाने पर विचार-विमर्श किया जा रहा है, जिससे दोषियों को कड़ी सजा मिले और फसलों में डाली जाने वाली दवाओं की गुणवत्ता से समझौता नहीं हो। उन्होंने कहा कि वर्तमान कानून के तहत दोषियों पर केवल जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन उससे कोई डरता नहीं है।
इन दो चीजों का करना होगा इलाज
कृषि मंत्री ने कहा, अमानक स्तर के कीटनाशक मिलना और गैरजरूरी दवाएं खेतों में डालना… हमें दोनों चीजों का ‘इलाज’ करना होगा। चौहान ने माना कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को और मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि फसलों को बाढ़ और अन्य प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों से होने वाले नुकसान के आकलन में गड़बड़ियों को खत्म करने के लिए उपग्रह आधारित रिमोट सेंंिसग प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। चौहान ने यह भी कहा, मोदी सरकार ने फसल बीमा योजना का जितना लाभ दिया है, कोई सोच भी नहीं सकता था।