भारत की ओर से पाकिस्तान में आतंकियों के कैंपों पर कार्रवाई को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बयान दिया है। उन्होंने साफ किया है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी पाकिस्तान को ऑपरेशन खत्म होने के 30 मिनट बाद दी गई थी।
विदेश मंत्री ने विदेश मंत्रालय के Consultative Committee Meeting में कहा, “आतंकवादी ठिकानों पर हमला किए जाने के 30 मिनट के बाद ही पाकिस्तान को इसकी जानकारी दे दी गई थी।”
विदेश मंत्री पर कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर के पहले ही पाकिस्तान को जानकारी दे दी थी। इस आरोप को लेकर एस जयशंकर बोले, यह तथ्यों को गलत तरीके से पेश करता हुआ एक बेईमानी भरा मामला लगता है। राहुल गांधी ने इसे “अपराध” की संज्ञा दी थी।
विदेश मंत्रालय ने इस पर स्पष्टीकरण दिया था कि ऑपरेशन शुरू होने से पहले जानकारी नहीं दी गई थी। भाजपा और कांग्रेस के बीच इस पर काफी बहसबाजी भी हुई थी।इस बैठक के बारे में जयशंकर ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए लिखा है कि, विदेश मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की। आपरेशन ¨सदूर और हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो-टोलेरेंस नीति पर चर्चा हुई। इस समय हमें एकजुट हो कर संदेश देने की जरूरत है।
विदेश मंत्री ने बैठक में कहा कि विदेश सचिव को रात के 1 बजकर 30 मिनट पर ऑपरेशन की जानकारी मिली, इसके बाद प्रेस सूचना ब्यूरो ने बयान जारी किया। इसके बाद DGMO ने पाकिस्तान में अपने समकक्ष को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बताया।”
विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम का फैसला दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद किया गया था। सीजफायर करने की शुरुआत पाकिस्तान की तरफ से हुई थी।
सीजफायर रोकने में अमेरिका का हाथ?
विदेश मंत्री ने सीजफायर में अमेरिकी हाथ होने से जुड़े सवालों पर कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री समेत कुछ दूसरे देशों के समक्ष भारत ने यह स्पष्ट कर दिया था कि अगर पाकिस्तान रुकेगा तभी भारत का हमला रुकेगा, पाकिस्तान की तरफ से हमला होगा तो भारत उसका बहुत ही कड़ा जवाब देगा। यह बात पहले भी विदेश मंत्री और विदेश मंत्राल के प्रवक्ता कई बार कह चुके हैं।
जयशंकर ने सांसदों को यह बताया कि यह भी बताया गया कि भारत की रणनीति ऑपरेशन की शुरुआत में ही कुछ महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर निशाना साधने की थी। भारत का ऑपरेशन पूरी तरह से सफल रहा। भारतीय सैन्य बलों ने जहां हमला करना था, वहीं सटीक हमला किया। इससे पाकिस्तान का सैन्य मनोबल काफी गिर गया था। वह अपने यहां के आतंकी ढांचे की रक्षा नहीं कर सके, इससे उनकी क्षमता का खुलासा होता है।