नई दिल्ली। आपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद पर पाकिस्तान को दुनिया में बेनकाब करने की भारत की कूटनीतिक मुहिम की शुरूआत आज से हो गई है। अभियान की शुरुआत जापान और यूएई से होगी। 59 सदस्यीय 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से जेडीयू सांसद संजय झा का प्रतिनिधिमंडल सुबह 11.40 बजे जापान के लिए रवाना हो गया है, जबकि होगा, शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे की अगुवाई वाला प्रतिनिधिमंडल बुधवार रात 9 बजे यूएई के लिए रवाना होगा। इसके अलावा, लोकसभा सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में डेलिगेशन कल यानी गुरुवार सुबह रवाना होगा।
इससे पहले विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से तीन के सदस्यों, सांसदों और पूर्व सांसदों को जानकारी दी। पाकिस्तान में पलने वाले आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को दुनिया के सामने रखने के लिए ये डेलिगेशन कई देशों की राजधानियों में जाएंगे। डेलिगेशन के साथ जाने वाले लीडर्स दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने लगे हैं। भारत के आॅपरेशन सिंदूर अभियान पर नौ सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल बीजेपी सांसद बृजलाल ने कहा, हम जापान, कोरिया, सिंगापुर, मलेशिया और इंडोनेशिया जाएंगे। हमारे साथ कुछ एक्सपर्ट्स भी जा रहे हैं। हम इस बात का पदार्फाश करेंगे कि पाकिस्तान किस तरह से ‘आतंकिस्तान’ बन गया है। यह बहुत अहम है क्योंकि पाकिस्तान लगातार हमारे देश में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देता रहा है।
आतंकवाद पाक की राजकीय नीति
दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे जेडीयू सांसद संजय झा ने कहा, हमारा डेलिगेशन जापान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, मलेशिया और दक्षिण कोरिया का दौरा कर रहा है। सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि आतंकवाद पाकिस्तान की राजकीय नीति है। हम इसे दुनिया भर में उजागर करने जा रहे हैं। हम उनके लगातार परमाणु हमलों को भी खत्म करने जा रहे हैं। हम किसी भी आतंकवादी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करने जा रहे हैं। हम दुनिया को सिंधु जल संधि के बारे में भी जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि जब भी भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के उसके आश्वासन पर भरोसा किया है, तो पाकिस्तान ने बार-बार ऐसा व्यवहार किया है जैसे किसी चोर से अपने अपराध की जांच करने के लिए कहा गया हो।
ब्यौरा देने के लिए डोजियर
सूत्रों के मुताबिक, डेलिगेसन के पास भारत में आतंकवाद फैलाने में पाकिस्तान की भूमिका का ब्यौरा देने वाले डोजियर भी होने की संभावना है, जिसका समर्थन मेजबान देशों को समझाने के मकसद से सुबूतों से किया जाएगा। एक सूत्र ने बताया, यह डोजियर संबंधित देश की आॅफिशियल लैंग्वेज में तैयार किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि विदेशी सांसदों और सरकारी प्रतिनिधियों के साथ बैठक से पहले दौरे पर आए सांसदों को अधिकारियों से एक और दौर की जानकारी मिलेगी।