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रीवा: संजय गांधी अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी में गैलन घोटाला, डीन की निगरानी में हुआ खेल

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रीवा। रीवा के संजय गांधी अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में मरीजों की डायलिसिस में उपयोग होने वाले ए-पार्ट और बी-पार्ट कैमिकल जार को गुपचुप तरीके से बेचा जा रहा है। चिकित्सा अधिकारियों की मिलीभगत से इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। दावा किया गया है कि हर माह एक से डेढ़ लाख रुपये की कमाई इससे की जा रही है। लेकिन यह राशि मेडिकल कॉलेज को न देकर अधिकारी व कर्मचारी अपनी जेब गर्म कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि संजय गांधी अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में दो दर्जन से अधिक डायलिसिस मशीन क्रियाशील हैं। इन मशीनों के माध्यम से हर दिन 80-90 मरीजों की डायलिसिस की जा रही है। ऐसे में यहां पर ए-पार्ट और बी-पार्ट कैमिकल की खपत बहुतायत में हैं। यह कैमिकल जार में आते हैं। इसके बाद इन जारों को एकत्रित किया जाता है और महीनें में इसका सौदा किया जाता है। सूत्रों ने बताया है कि एक गैलन करीब 70 रुपये में बेचा जाता है। ऐसे में हर माह 2 हजार से अधिक गैलन एकत्रित होते हैं। जिससे एक से डेढ़ लाख रुपये की आय होती है। लेकिन इस राशि का बंदरबांट विभाग के चिकित्सा अधिकारी और कर्मचारियों के बीच होता है।

क्या है ए-पार्ट और बी-पार्ट कैमिकल
एक्सपर्ट के अनुसार ए-पार्ट और बी-पार्ट कैमिकल डायलिसिस प्रक्रिया में अति आवश्यक होता है। इसका उपयोग डायलिसिस द्रव बनाने के लिये किया जाता है, जो रक्त को फिल्टर करने में मदद करता है। ए-पार्ट में एसिड सांद्रण होता है, जबकि बी-पार्ट में बाइकार्बोनेट सांद्रण होता है।

दो मरीजों के बीच एक-एक गैलन की खपत
अस्पताल सूत्रों ने बताया कि डायलिसिस के दौरान दो मरीजों के बीच एक गैलन ए-पार्ट और एक गैलन बी-पार्ट कैमिकल की खपत होती है। इस तरह से प्रतिदिन करीब 50-60 गैलन कैमिकल का उपयोग किया जाता है। इसके बाद गैलन को एक स्थान पर एकत्रित किया जाता है। बाद में व्यापारी को बुला कर बेच दिया जाता है।

डीन की निगरानी में हुआ खेल
सूत्रों ने दावा किया है कि उक्त खेल मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. सुनील अग्रवाल के निगरानी में होता है। ऐसे में जाहिर है कि इसका ज्यादातर हिस्सा उनके पास ही जाता होगा। इसके अलावा विभागाध्यक्ष और कर्मचारी की भी मिली भगत रहती है। सूत्रों ने बताया है कि गैलन बेचने के लिये एक व्यापारी को सेट किया गया है, जो हर माह आकर एक साथ गैलन उठाता है और उसके दाम देता है।

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