कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा की मौत के मामला एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। सरला मिश्रा के भाई अनुराग मिश्रा सोमवार को भोपाल में के टीटी नगर थाने पहुंचे। उन्होंने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह समेत अन्य पर शिकायत दर्ज कराई है। इस पर टीआई मानसिंह ने जांच के बाद वैधानिक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
जानकारी के लिए बता दें कि फरवरी 1997 में सरला मिश्रा की भोपाल के टीटी नगर स्थित आवास में जलने से मौत हो गई थी। करीब 1 महीने पहले कोर्ट में पुलिस ने इस मामले में खात्मा रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी। कोर्ट ने रिपोर्ट में गंभीर खामियां पाते हुए इसे खारिज कर दिया और दोबारा जांच के आदेश दे दिए थे।
हत्या को आत्महत्या में बदला गया
इस दौरान अनुराग मिश्रा ने कहा कि कोर्ट ने बहन सरला मिश्रा की मौत के मामले में जो आदेश दिया है, उसके तहत ही शिकायत दर्ज कराई है। यह स्पष्ट रूप से सामने आया है कि यह हत्या थी, जिसे आत्महत्या में बदल दिया गया। उन्होने कहा कि इस मामले को बदलने वालों में तत्कालीन टीआई एसएम जेडी, डॉ. सत्यपति, डॉ. योगीराज शर्मा, महेंद्र सिंह करचुरी और अन्य शासकीय कर्मचारी व अधिकारी शामिल हैं। इन सभी की जांच होनी चाहिए।इसके अलावा, जिनके कारण यह केस दबाया गया, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, उनके भाई लक्ष्मण सिंह और राजनीतिक लोगों की भी जांच होनी चाहिए।
मामले में पुनः जांच के लिए आवेदन दिया
टीटी नगर थाना टीआई मानसिंह ने बताया कि कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा के भाई अनुराग मिश्रा ने एक आवेदन दिया है, जिसमें कोर्ट का आदेश भी लगा हुआ है। इस मामले में पुनः जांच के लिए आवेदन दिया गया है इसमें विवेचना अधिकारी टीआई एसएम जेडी, डॉ. सत्यपति, डॉ. योगीराज शर्मा, महेंद्र सिंह करचुरी समेत अन्य के नाम शामिल है। इस मामले में जांच के बाद जो भी वैधानिक कार्रवाई होगी की जाएगी।
यह है पूरा मामला
दरअसल17 अप्रैल को भोपाल कोर्ट की न्यायाधीश पलक राय ने अपने आदेश में कहा कि मृतका के मृत्यु पूर्व बयान की मेडिकल पुष्टि नहीं की गई। बयान के समर्थन में जो कागज के टुकड़े मिले, उनकी भी स्वतंत्र जांच नहीं कराई गई। घटनास्थल से कोई फिंगर प्रिंट भी नहीं लिया गया। परिवार ने इसे हत्या बताया था और कुछ नेताओं पर आरोप भी लगाए थे। साल 2000 में पुलिस ने केस की फाइल बंद कर दी थी। खात्मा रिपोर्ट अगले 19 वर्ष तक कोर्ट में पेश नहीं की गई। फरवरी 2025 में हाईकोर्ट ने आदेश दिए कि पहले खात्मा रिपोर्ट में बयान दर्ज हों और फिर कार्रवाई की जाए। इसके बाद भोपाल कोर्ट में सुनवाई चली और अनुराग के बयान दर्ज हुए।