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विकास की रफ्तार पकड़ेगा पचमढ़ी: मोहन सरकार ने लिया बड़ा फैसला, कैबिनेट ने कई और प्रस्तावों पर लगाई मुहर

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भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। इसमें सबसे बड़ा फैसला पचमढ़ी नगर के 395.931 हेक्टेयर क्षेत्र को अभयारण्य की सीमा से बाहर करते हुए नजूल भूमि घोषित करने का लिया गया है। यह भूमि वर्तमान में साडा (विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण) के प्रशासनिक नियंत्रण में है। सरकार के इस फैसले के बाद इस क्षेत्र में जमीन खरीदने-बेचने और विकास की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बता दें कि सरकार ने यह बड़ा फैसला सुप्रीम कोर्ट के 12 अगस्त 2014 के आदेश के आधार पर केंद्रीय साधिकार समिति की अनुशंसा पर लिया है। इस फैसले के बाद पचमढ़ी अभयारण्य का नोटिफिकेशन फिर होगा। इसके अलावा कैबिनेट बैठक में कई और अहम मुद्दों पर चर्चा हुई है। जिनकी नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी है।

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि पचमढ़ी अभयारण्य की सीमा में नजूल की काफी भूमि थी। सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा था जिसमें सरकार जीत गई है। इन क्षेत्रों में विकास प्रतिबंधित था। पचमढ़ी नगर वन भूमि में था, ऐसा वन विभाग का कहना था। इसकी नाप के बाद सरकार हाईकोर्ट गई जिसका फैसला सरकार के पक्ष में आया। इस निर्णय के बाद अब सरकार पचमढ़ी को टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित करने और पर्यटकों के लिए ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं बढ़ाने के लिए विकसित कर सकेंगी। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

नक्सल क्षेत्रों में तैनात होंगे 850 कार्यकर्ता
बालाघाट, मंडला और डिंडोरी जैसे नक्सल प्रभावित जिलों में सरकार 850 स्थानीय कार्यकतार्ओं की एक वर्ष के लिए नियुक्ति करेगी। ये कार्यकर्ता गांवों में नक्सल गतिविधियों पर नजर रखेंगे और प्रशासन को समय पर जानकारी देंगे। प्रत्येक कार्यकर्ता को 25,000 मासिक मानदेय दिया जाएगा, जिससे सरकार पर सालाना लगभग 25 करोड़ का खर्च आएगा। यह नियुक्ति एक साल के लिए की जाएगी। इसमें शामिल होने की योग्यता के नियम अलग से जारी किए जाएंगे।

नए जिलों में खाद्य विभाग के कार्यालय खोले जाएंगे
विजयवर्गीय ने बताया कि कैबिनेट बैठक में मऊगंज समेत तीनों नए जिलों में खाद्य विभाग के नए जिला कार्यालय खोलने का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। इसके साथ ही निवाड़ी तथा तीनों नए जिलों में नाप तौल विभाग का भी दफ्तर खुलेगा।

दिव्यांग खिलाड़ियों को मिलेगा सम्मान
पेरिस में दिव्यांग ओलंपिक में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मध्यप्रदेश के ब्लाइंड जूडो खिलाड़ी कपिल परमार और शूटिंग में रूबिना फ्रांसिस को एक-एक करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी। इससे पहले दोनों को 50-50 लाख दिए जा चुके थे। शेष 50 लाख की राशि अब स्वीकृत की गई है। बता दें मुख्यमंत्री द्वारा पैरा-ओलम्पिक खिलाडी सुश्री रूबिना फ्रांसिस और श्री कपिल परमार को पैरा-ओलम्पिक खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर 1 करोड़ रुपए की सम्मान राशि देने की घोषणा की थी। पेरिस, फ्रांस में आयोजित पैरा ओलम्पिक खेल, 28 अगस्त से 8 सितंबर 2024 में म.प्र. की खिलाडी सुश्री रूबिना फ्रांसिस ने शूटिंग खेल में कांस्य पदक एवं श्री कपिल परमार ने ब्लाइंड जुडो खेल में कांस्य पदक अर्जित किया था।

इन मुद्दों पर भी कैबिनेट बैठक में हुई चर्चा

  • जिला पेंशनर्स कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों को कम कर दूसरे विभागों में भेजा जाएगा। केंद्रीयकृत पेंशन प्रकोष्ठ का गठन कर पेंशनर्स को सुविधा देने का काम किया जाएगा।
  • बैठक में हायर सेकेंडरी और हाई स्कूल के बच्चों के रिजल्ट पर चर्चा हुई। नई शिक्षा नीति में किसी को सप्लीमेंट्री नहीं दी गई है। जो फेल हुए हैं वे जून में होने वाली परीक्षा में फिर शामिल होकर पास होने का मौका पा सकते हैं।
  • पिछले साल 5.85 लाख किसानों से 40 लाख मीट्रिक गेहूं खरीदा था। बोनस देने के कारण किसानों ने शासकीय खरीदी केंद्रों में गेहूं बेचा है।
  • सिंचाई का रकबा बढ़ने से पता चलता है कि गेहूं की खरीदी अच्छी हुई है।
  • इस साल 8.76 लाख किसानों से 15 मार्च से 5 मई के बीच 76 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है जो आज स्लाट बुकिंग के आधार पर 81 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच सकता है। 16472 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है।
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