भोपाल। मध्यप्रदेश के छोटे उद्योगों को गति देने के लिए मोहन सरकार नए सिरे से तैयार है। 1100 प्लाट आवंटन के लिए उपलब्ध कराए गए हैं, यह प्रक्रिया 1 मई से शुरू होगी। इसके अलावा उद्योगपतियों को खाली लैंडबैंक की जानकारी दी जाएगी। 55 हजार करोड़ रुपए के निवेश से प्रदेश में 17 लाख 55 हजार पंजीकृत एमएसएमई इकाईयां चल रही हैं, जो 92 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दे रही है। 5 हजार 300 स्टार्ट-अप हैं, इसमें से 2500 से अधिक के संचालन का नेतृत्व महिलाओं द्वारा किया जा रहा है।
अनुपूरक बजट के माध्यम से प्राप्त 1475 करोड़ रुपए की राशि से एमएसएमई इकाईयों के मार्च 2025 तक के लंबित अनुदान दिए गए। ग्वालियर व्यापार मेले में 3 हजार 327 करोड़ रुपए का व्यापार हुआ। निवेशकों को लैंड बैंक से जुड़ी जानकारी दी जा रही। 1100 से अधिक प्लाट 1 मई से आवंटन के लिए उपलब्ध रहेंगे। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में विभाग की उपलब्धि लक्ष्य से अधिक है। मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में हुए भारत अंतर राष्ट्रीय व्यापार मेले में मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम को स्वर्ण पदक से पुरस्कृत होने पर खुशी जताई।
अब मप्र में एक परिवार से एक को रोजगार
प्रदेश सरकार एक परिवार के एक व्यक्ति को रोजगार देने जा रही है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की समीक्षा बैठक में अफसरों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। कहा है कि मध्यप्रदेश में विकास की अपार संभावनाएं हैं। हर क्षेत्र उम्मीदों से भरा है। केवल जमीनी स्तर पर काम करने की जरुरत है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के जरिए यह संभव है। प्रत्येक परिवार में कम से कम एक व्यक्ति को रोजगार अथवा स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
जिलों में खोलें छोटी इकाईयां
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिले की परिस्थिति और उपलब्ध दक्षता के अनुसार गतिविधियों का विस्तार तेजी से करें। तेल घानी, मसाला-आटा चक्की, कोदो-कुटकी व अन्य मिलेट की प्र-संस्करण इकाई जैसे सूक्ष्म उद्योगों से युवाओं को जोड़ते हुए सम्पूर्ण प्रदेश में समान रूप से उद्यमिता का विस्तार हो। इसमें खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। कृषि उपज मंडियों को आधुनिक स्वरूप दें। इनमें दूध, सब्जी आदि को सुरक्षित रखने की सुविधा हो, रतलाम से इसकी शुरूआत करें।
साल में एक बार नहीं, हर दो माह में मनेगा उद्योग-रोजगार दिवस
बैठक में तय किया कि वर्ष-2025 को उद्योग और रोजगार वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है इसलिए दो माह के अंतराल में राज्य के अलग-अलग अंचलों में उद्योग-रोजगार दिवस मनाया जाएगा। पॉवरलूम सहित अन्य परम्परागत उत्पादन इकाईयां शुरू की जाएंगी। विशेषज्ञों का सहयोग लेकर कौशल उन्नयन तथा तकनीकी दक्षता में सुधार के लिए क्षेत्रीय स्तर पर कैम्प लगेंगे। एमएसएमई-डे के अवसर पर 27 जून को इंदौर में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम पर केन्द्रित भव्य कार्यक्रम होगा। सितंबर माह में भोपाल में स्टार्ट-अप पर केन्द्रित कार्यक्रम करने की योजना है।



