लाहौर। पहलगाम हमले के बाद से भारत की करारी मार झेल पड़ोसी देश पाकिस्तान पर अब बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तान सेना पर कहर बरपा दिया है। बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में बीएलए ने बड़ा हमला कर 10 पाकिस्तानी सेना को खत्म कर दिया है। बीएलए ने इस हमले की जिम्मेदारी एक बयान जारी कर ली है। बीएलए की माने तो यह हमला रिमोट-कंट्रोल्ड इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस के जरिए किया गया, जिसमें सेना का वाहन पूरी तरह तबाह हो गया।
बीएलए ने कहा कि उसके फ्रीडम फाइटर्स ने पाकिस्तानी सेना के काफिले को रिमोट कंट्रोल्ड आईईडी के जरिए निशाना बनाया है। यह हमला हमारी आजादी की लड़ाई का हिस्सा है। बीएलए ने कहा कि दुश्मन के खिलाफ हमारा आॅपरेशन तेजी से जारी रहेगा। हालांकि हमले को लेकर पाकिस्तानी सेना की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। बलूच लिबरेशन आर्मी पिछले कई वर्षों से बलूचिस्तान की आजादी की मांग को लेकर हथियारबंद संघर्ष कर रही है।
बीएलए ने ट्रेन को कर लिया था हाईजैक
बता दें कि इससे पहले 11 मार्च को क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस को बीएलए के विद्रोहियों ने हाईजैक कर लिया था। बोलान के माशफाक टनल में हमला हुआ। ट्रेन में लगभग 450 पैसेंजर सवार थे। बीलएलए ने जेल में बंद बलूच कार्यकर्ताओं, राजनैतिक कैदियों, गायब लोगों, लड़ाकों और अलगाववादियों की बिना शर्त रिहाई की मांग की थी। इसके बाद पाकिस्तानी सेना और बलूच लड़ाकों के बीच 48 घंटे लड़ाई चली थी। पाकिस्तानी सेना दावा किया था कि 33 बलूच लड़ाके मारे गए हैं और सभी बंधकों को रिहा करा लिया गया। जबकि बलूच लड़ाकों ने 100 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराने का दावा किया था।
बलूच लिबरेशन आर्मी क्या है
बलूचिस्तान में कई लोगों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद वे एक आजाद देश के तौर पर रहना चाहते थे, लेकिन बिना उनकी मर्जी से उन्हें पाकिस्तान में शामिल कर दिया गया था। इस वजह से बलूचिस्तान में सेना और लोगों का संघर्ष आज भी जारी है।
बीएलए की प्रमुख मांग पाकिस्तान से अलग होकर बलूचिस्तान देश का गठन करना है। बलूचिस्तान में आजादी की मांग करने वाले कई संगठन हैं। इनमें बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) सबसे ताकतवर संगठन है। ये संगठन 70 के दशक में अस्तित्व में आया, लेकिन 21वीं सदी में इसका प्रभाव बढ़ा है। बीएलए बलूचिस्तान को पाकिस्तानी सरकार और चीन से मुक्ति दिलाना चाहता है। उनका मानना है कि बलूचिस्तान के संसाधनों पर उनका हक है। पाकिस्तान सरकार ने बलूच लिबरेशन आर्मी को 2007 में आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया था।