भोपाल। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की आज जन्म जयंती है। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को भीम जन्मस्थली (महू) डॉ. अंबेडकर नगर पहुंचे और संविधान निर्माता को पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान सीएम मोहन ने एक बड़ा ऐलान भी किया। उन्होंने घोषणा की है कि भीम जन्मस्थली महू में धर्मशाला निर्माण के लिए सरकार द्वारा 3.5 तीन एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। साथ महू आने-जाने वालों की संपूर्ण सुविधा का प्रबंध सरकार की ओर से किया जाएगा। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर, सांसद कविता पाटीदार, पूर्व मंत्री और विधायक ऊषा ठाकुर सहित वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।
वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने 20वीं शताब्दी में ऐसे अनेकों उल्लेखनीय कार्य किए, जिनसे 1000 वर्ष की गुलामी की विसंगतियां दूर हुईं। इन्हीं के आधार पर आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश बना है। डॉ. अम्बेडकर के जीवन के योगदान बहुआयामी हैं, उन्हें भारत में भविष्य की चुनौतियों का आभास हो चुका था, यद्यपि उनका जीवन बहुत कठिनाई के साथ बीता, लेकिन वे ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने स्वयं के संघर्ष से सीख ली और अपने जैसे दूसरे लोगों की मदद की।
सामाजिक सशक्किरण के लिए अंबेडकर ने बनाया मजबूत संविधान
सीएम ने कहा कि बाबा साहेब ने स्वयं की शिक्षा में कोई कसर नहीं रहने दी, इससे यह प्रेरणा मिलती है कि व्यक्ति के जीवन में शिक्षा में कभी कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर द्वारा समाज के बंधुत्व और उत्थान के लिए किए गए कार्य भूतो न भविष्यति हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने समूचे समाज को आरक्षण जैसी व्यवस्था प्रदान की। आज एससी-एसटी सहित हर वर्ग को साक्षरता का लाभ मिल रहा है। अनुसूचित जाति वर्ग की साक्षरता जो कभी मात्र 1.5 प्रतिशत थी, आज 59 प्रतिशत तक पहुंच गई है। भविष्य में जब-जब कठिनाई आएगी, हम सर्वहारा वर्ग के सशक्तिकरण का ध्यान रखेंगे। डॉ. अम्बेडकर ने सामाजिक सशक्तिकरण के लिए मजबूत संविधान बनाया और देश को लोकतंत्र दिया।
कांग्रेस ने बाबा साहेब के योगदान को नकारा
इस दौरान सीएम ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि बाबा ने उन सभी कामों को प्रावधान और नियमों में बाधा, जो देश में समस्या बन सकते है। आंबेडकर जी भारत के भविष्य को जानते थे। वे समाज की लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने उनके योगदान को हमेशा नकारा। बाबा साहेब को लोकसभा चुनाव जीतने नहीं दिया। लोकसभा में आंबेडकर जाते तो कितना गौरव बढ़ता। कांग्रेस को ये गलती नहीं करना चाहिए थी।
बाबा साहेब ने सवार्हारा वर्ग के लिए बहुत कुछ किया
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने सवार्हारा वर्ग के लिए बहुत कुछ किया है। अंबेडकर ने आरक्षण की सौगात दी। 1951 के आंकड़ों के अनुसार एससी-एसटी की साक्षरता दर तब डेढ़ प्रतिशत थी, आज यह 59 प्रतिशत तक पहुंची है। इसमें आंबेडकर जी का योगदान है। उन्होंने एससी-एसटी वर्ग का जीवन बदल दिया। आरक्षण के माध्यम से समता के लिए उन्होंने काम किया। इतना बड़ा देश, इतनी बड़ी विविधता वाले देश में लोकतंत्र में सबको समाहित किया। बाबा साहेब ने धारा-370 का विरोध किया था। उस कलंक को मिटाते हुए मोदी सरकार ने उस धारा को हटाकर जम्मू-कश्मीर को संविधान के दायरे में लाने का प्रयास किया।
पीएम ने अम्बेडकर से जुड़े सभी स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में मान्यता दी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डॉ. अम्बेडकर से जुड़े सभी स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में मान्यता दी। महू स्थित भीम जन्मभूमि को तीर्थ के रूप में विकसित करने में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. सुंदरलाल पटवा और शिवराज सिंह चौहान का योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भीम जन्मस्थली महू में धर्मशाला निर्माण के लिए 3.5 तीन एकड़ जमीन दी जा रही है। इससे यहां आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा होगी, सभी आगंतुकों की संपूर्ण सुविधा का प्रबंध राज्य सरकार की ओर से किया जाएगा।
अंबेडकर ने धारा 370 को नहीं किया था स्वीकार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लंदन में भी डॉ. अम्बेडकर का भव्य स्मारक बना है, इसी स्थान पर उन्होंने शिक्षा प्राप्त की थी। यह एक आवासीय क्षेत्र है। अंग्रेजों ने स्मारक बनाने का काफी विरोध किया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से वहां भी तीर्थ का निर्माण हो चुका है। पीएम मोदी ने धारा 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर को उसका अधिकार वापस दिया है। बाबा साहेब डॉ.अम्बेडकर ने भी धारा 370 को स्वीकार नहीं किया था।