नई दिल्ली। गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस का 84वें दो दिवसीय अधिवेशन का बुधवार को समापन हो गया है। अधिवेशन के अंतिम दिन लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान राहुल जातिगत जनगणना, वक्फ बिल समेत कई मुद्दों को लेकर केन्द्र सरकार पर जमकर हमला बोला। राहुल के निशान पर संघ भी रहा। वहीं उन्होंने अपने संबोधन में महात्मा गांधी और सरदार पटेल का भी जिक्र किया।
राहुल गांधी ने महात्मा गांधी और सरदार पटेल को याद करते हुए कहा, 100 साल पहले महात्मा गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे। 150 साल पहले सरदार पटेल का जन्म हुआ था। गांधीजी, सरदार पटेल ये कांग्रेस पार्टी की नींव हैं। वहीं राहुल ने भाजपा और संघ पर निशाना साधते हुए कहा कि, वे संस्थाओं पर आक्रमण कर रहे हैं। अदाणी-अंबानी को देश का पूरा धन दिया जा रहा है। संविधान में कहीं नहीं लिखा कि देश का पूरा धन दो-तीन लोगों के हाथ में होना चाहिए।
संविधान में कहीं नहीं लिखा कि देश के सभी वाइस चांसलर आरएसएस के हों
राहुल ने तंज कसते हुए कहा कि संविधान में कहीं नहीं लिखा कि देश के सभी वाइस चांसलर आरएसएस के होना चाहिए? संविधान में कहीं नहीं लिखा कि देश में कोई खास भाषा ही पढ़ाई जाएगी। जिस पार्टी के पास विचारधारा, स्पष्टता नहीं है, वो भाजपा और आरएसएस के सामने खड़ी नहीं हो सकती। जिसके पास विचारधारा है, वही भाजपा और आरएसएस के सामने खड़ी हो सकती है, वही उन्हें हराएगी।
हम अंग्रेज और आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ लड़े
राहुल गांधी ने कहा कि हम अंग्रेज और आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ लड़े थे। इनकी विचारधारा स्वतंत्रता संग्राम की विचारधारा नहीं है। जिस दिन संविधान लिखा गया था, उस दिन संघ ने रामलीला मैदान में संविधान को जलाया था। इसमें लिखा है कि हमारे देश का झंडा तिरंगा होगा। सालों तक आरएसएस ने तिरंगे को सैल्यूट नहीं किया। वे हिंदुस्तान की सारी संस्थाओं कब्जा करके आपका पैसा अदाणी-अंबानी को देना चाहते हैं।
वक्फ संशोधन बिल संविधान पर आक्रमण
वहीं वक्फ बिल को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि कुछ दिन पहले बीजेपी ने लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पास किया। यह फ्रीडम आॅफ रिलीजन, संविधान पर आक्रमण है। राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि संघ के मुखपत्र “आॅर्गनाइजर” में एक लेख छपा है, जिसमें यह दावा किया गया है कि क्रिश्चियनों पर हमला किया जाएगा। उन्होंने इसे “धर्म विरोधी बिल” करार दिया और कहा कि यह बिल देश के हर नागरिक के लिए खतरे की घंटी है।
दादी से जुड़ा सुनाया किस्सा
राहुल गांधी ने अपने बचपन का किस्सा सुनाते हुए बताया कि ‘मैंने एक बार अपनी दादी इंदिरा गांधी से एक बार एक सवाल पूछा कि दादी मरने के बाद आपके बारे में लोगों को क्या कहना चाहिए? इंदिरा गांधी ने जवाब दिया कि राहुल, मैं अपना काम करती हूं। मरने के बाद लोग मेरे बारे में क्या सोचें, क्या न सोचें मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं सिर्फ अपने काम में दिलचस्पी रखती हूं। अगर पूरी दुनिया मेरे मरने के बाद मुझे भूल भी जाए तो वो भी मुझे मंजूर है। यही मेरी भी सोच है।
राहुल गांधी ने फिर उठाया जाति जनगणना का मामला
राहुल गांधी ने कहा कि, तेलंगाना में हमने एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। हमने जाति जनगणना करायी है। राहुल गांधी ने कहा कि कुछ महीने पहले, मैंने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा था कि हमें देश में जाति जनगणना करवानी चाहिए… मैं जानना चाहता था कि इस देश में किसकी कितनी हिस्सेदारी है और क्या यह देश सही मायने में आदिवासी, दलित और पिछड़े समुदायों का सम्मान करता है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस ने जाति जनगणना से साफ इनकार कर दिया क्योंकि वे नहीं चाहते कि इस देश में अल्पसंख्यकों को कितनी हिस्सेदारी मिलती है, यह पता चले। मैंने उनसे कहा कि हम संसद में आपके सामने ही जाति जनगणना कानून पारित करेंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा में, राज्यसभा में हम कानून पास करेंगे। जाति जनगणना यहीं से निकालेंगे। मैं जानता हूं कि जो तेलंगाना की हालत है, वह हर प्रदेश की है। तेलंगाना में 90 फीसदी आबादी, ओबीसी, दलित, अल्पसंख्यक है। तेलंगाना में मालिकों की लिस्ट, सीईओ की लिस्ट, सीनियर मैनेजमेंट की लिस्ट में इस 90 फीसदी में से नहीं मिलेगा।
राहुल ने कहा, तेलंगाना में सारे गिग वर्कर्स दलित, ओबीसी या आदिवासी हैं। तेलंगाना में जाति जनगणना में नया उदाहरण दिया है। तेलंगाना में हम सचमुच में विकास का काम कर सकते हैं। वहां हम हर सेक्टर में आपको बता सकते हैं। मैं खुश हूं कि जाति जनगणना होने के बाद हमारे सीएम और टीम ने ओबीसी रिजर्वेशन को 42% तक पहुंचा दिया। जब दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यक की भागीदारी की बात आती है तो भाजपा के लोग चुप हो जाते हैं। जो हमने तेलंगाना में किया है, वह हम पूरे देश में करने जा रहे हैं। भाजपा ने इसे रद्द कर दिया है।