भोपाल। आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के मामले को लेकर विधानसभा में गुरुवार को जोरदार हंगामा देखने को मिला। कांग्रेस विधायकों ने इस पूरे मामलें की सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। परिवहन घोटाले के मुद्दे पर ध्यानाकर्षण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार को घेरते हुए कहा कि सौरभ शर्मा के मामले में आरोपियों पर कार्रवाई नहीं हुई। 52 किलो, 10 करोड़ के कैश के बारे में आज तक पता नहीं लग पाया, चेक पॉइंट पर अवैध वसूली हो रही है।
वहीं जब सीबीआई जांच की मांग के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष ने दूसरे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के लिए विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह को बुलाया तो कांग्रेस विधायक नाराज हो गए नेता प्रतिपक्ष के टेबल के पास इकट्ठा होकर नारेबाजी करने लगे। और मामले की सीबीसी जांच करने को मांग को लेकर कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉक आउट किया। हालांकि परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने परिवहन घोटाले के आरोपों को नकार दिया। उन्होंने कहा कि पहले से जो जांच हो रही है, उसका परिणाम आने दें, उससे पहले कैसे आरोप लगाए सकते हैं। सक्षम एजेंसियां इस पूरे मामले में जांच कर रही हैं। वहीं उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा- 2016 में तत्कालीन परिवहन मंत्री ने सौरभ शर्मा की नियुक्ति के लिए पत्र लिखा था। मंत्री के निर्देश के आधार पर ही प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई थी।
नियमों से की गई थी सौरभ शर्मा की नियुक्ति
नेता प्रतिपक्ष को जवाब देते हुए परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य के अलावा केंद्र की जांच एजेंसीय जांच कर रही है। सौरभ शर्मा की नियुक्ति नियमों से की गई थी। उसकी तरफ से जो शपथ पत्र लगाया गया था उनके परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी में नहीं, ये बाद में गलत पाया गया, लेकिन उस वक्त किसी ने शपथ पत्र पर आपत्ति नहीं की। यह कहते हुए परिवहन मेंत्री ने घोटाले के आरोपों को नकार दिया। परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बताया कि चेक पोस्ट पर अनियमितताओं को लेकर सौरभ शर्मा उसके ठिकाने और आॅफिस पर छापेमारी की गई। एक करोड़ नगद और 20 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति को जप्त किया गया। विवेचना के दौरान उपलब्ध शासन के आधार पर सौरभ शर्मा और शरद जायसवाल और चेतन सिंह को आरोपी बनाया गया है।
जिन अधिकारियों ने पैसा लूटा, होनी चाहिए उनकी जांच
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार में कहा- जिन अधिकारियों ने जनता का पैसा लूटा है, अवैध वसूली की है…उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार का जवाब चार पन्नों उसमें कहां गया उसका मतलब है अब नहीं होगा। क्या अधिकारी को हटाना ही भ्रष्टाचार खत्म करना है। क्या पिछले ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने घोटाला नहीं किया होगा। विभाग के एसीएस से जवाब तलब किया, केंद्रीय एजेंसियां आकर कार्रवाई कर रही है। गाड़ी, फॉर्म हाउस किसकी है ? सब पता है लेकिन सोना और पैसा किसका यह अब तक पता नहीं। इस दौरान उन्होंने उन्होंने सदन में प्रतीकात्मक तौर पर सोने का बिस्किट दिखाकर सीबीआई जांच की मांग दोहराई। इसके बाद कांग्रेस विधायक सीबीआई जांच कराओ-जांच कराओ के नारे लगाने लगे। शोर-शराबे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने दूसरे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा शुरू की। जैसे ही विधायक बृजेंद्र सिंह अपना ध्यानाकर्षण पढ़ने लगे तो कांग्रेस ने विधानसभा से वॉक आउट कर दिया।
जांच एजेंसी पता लगा रही है पैसा और सोना किसका
परिवहन मंत्री उदय प्रताप ने कहा कि जांच एजेंसी पता लगा रही है पैसा और सोना किसका है, जब पॉइंट पर पहुंच जाएंगे तब आपको भी पता चल जाएगी। सरकार हर तरह से इन जांच एजेंसी को सहयोग कर रहे हैं। हम ऐसा सिस्टम बना रहे है जो पूरी तरह पारदर्शी हो। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिस ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को हटाया गया उसके ऊपर ऋकफ हुई। सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में क्या सीबीआई जांच होगी। इस पर उदय प्रताप ने कहा कि मौजूदा जांच एजेंसियों की जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक दूसरी जांच एजेंसी को जांच देना उचित नहीं है।
जवाब से कई नोटशीट गायब
उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटार ने सदन में पूर्व परिवहन मंत्रियों के नाम और उनके चुनाव के समय संपतियों को लेकर शपथ पत्र दिखाए। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि किसी भी पूर्व मंत्री का नाम नहीं लिया जा सकता है। कैलाश ने दोनों पूर्व परिवहन मंत्रियों के नाम कार्यवाही से विलोपित करने को कहा। हेमंत कटरे ने कहा कि विधानसभा से मुझे जो जवाब मिला उसमें कई नोटशीट गायब कर दी, कुछ नोटशीट ब्लैंक आए हैं। इस तरह के जवाब नहीं आना चाहिए। सौरभ शर्मा का नियुक्ति पत्र मेरे पास है, इस नियुक्ति पत्र में लिखा है निज सहायक माननीय मंत्री जी सूचनार्थ यह मंत्री कौन थे पता लगाया जा सकता है।
फर्जी अनुकंपा नियुक्ति मंत्री ने खुद स्वीकार किया
उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि फर्जी अनुकंपा नियुक्ति मंत्री ने खुद स्वीकार किया है। जिस नोटशीट के आधार पर नियुक्ति हुई थी उस पर कार्रवाई होगी ? एक मंत्री ने एक भी नोटशीट आने पर सन्यास की बात कही थी वह कब लेंगे। इस पर परिवहन मंत्री उदय प्रताप ने जवाब देते हुए कहा कि योग्य स्थान अनुसार कलेक्टर नियुक्ति करते हैं, प्रक्रिया में कोई संदेह नहीं है। अब जांच में जब शपथ पत्र में कुछ बातें गलत है तो हमने पुलिस विभाग को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है।