जबलपुर। यूपीएससी की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को जबलपुर हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल हाईकोर्ट ने ईडब्ल्यूएस वर्ग के उम्मीदवारों को अन्य आरक्षित वर्ग की तरह आयु सीमा सहित अटेम्प्ट संख्या में छूट देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि एससी, एसटी, ओबीसी की तरह ईडब्ल्यूएस को आयु सीमा में छूट देने का प्रावधान नहीं है। बता दें कि कोर्ट ने इस पूरे मामले में फरवरी माह में सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा था। कोर्ट ने आज 44 पेज का फैसला सुनाया है।
युगलपीठ ने आगे कहा है कि सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से वंचित वर्गों की दिक्कतें अलग-अलग हैं। इसलिए ईडब्ल्यूएस श्रेणियों के उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट प्रदान नहीं कर सकते हैं। साथ ही कोर्ट ने सेंट्रल ओबीसी की तरह स्टेट ओबीसी उम्मीदवारों को परीक्षा में 9 अटेम्प्ट देने की मांग भी खारिज कर दी है। युगलपीठ ने आदेश में कहा है कि अनुच्छेद 342-ए से स्पष्ट होता है कि केंद्रीय सूची का अर्थ केंद्र सरकार द्वारा तैयार की गई ओबीसी की सूची से है। केंद्रीय और राज्य सूचियों में अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण और छूट व रियायत संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के प्रावधानों के तहत है। बता दें कि मध्यप्रदेश के मैहर के आदित्य नारायण पांडेय सहित अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थी के लिए राहत की मांग की थी।
कोर्ट के फैसले में क्या कहा गया?
ओबीसी, एससी, एसटी को मिलने वाला आरक्षण राज्य और केंद्र में अलग-अलग होता है, इसलिए राज्य में मिलने वाली सुविधा केंद्र में लागू करने का दावा नहीं किया जा सकता। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, ईडब्ल्यूएस वर्ग को आयु में छूट देने या ज्यादा अटेम्प्ट देने का कोई संवैधानिक या कानूनी प्रावधान नहीं है। इसलिए ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को यूपीएससी परीक्षा में एससी, एसटी, ओबीसी जैसी छूट नहीं दी जा सकती।
याचिकाकर्ताओं की इन वकीलों की पैरवी
कोर्ट ने यह भी कहा कि कोई विशेष जाति या समुदाय केंद्रीय सूची में अधिसूचित हो जाता है तो उन्हें ही केन्द्र सरकार के अधीन सेवाओं में आरक्षण और रियायतों लाभ मिलेगा। याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, अधिवक्ता ध्रुव वर्मा तथा यूपीएससी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश कौशिक तथा केन्द्र सरकार की तरफ से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल व वरिष्ठ अधिवक्ता पुष्पेंद्र यादव उपस्थित हुए।