चंडीगढ़। पंजाब के किसान अपनी मांगों को लेकर सरकार के सामने लामबंद हैं। सोमवार को बैठक बेनतीजा रहने के बाद किसानों ने बुधवार को चंढ़ीगढ़ में धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया था। लेकिन इससे पहले किसानों के खिलाफ पंजाब सरकार ने शिकंजा कस दिया है। मंगलवार सुबह भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां समेत कई किसान नेताओं के घर पर पंजाब पुलिस ने मंगलवार सुबह रेड मारी है। सूत्रों के लिए मानें तो पुलिस ने मालवा-बरनाला जिले के कई इलाकों में किसान नेताओं की गिरफ़्तारी के लिए रेड मारी थी, लेकिन पुलिस की यह कोशिश नाकाम रही। दरअसल पुलिस की कार्रवाई का अंदेशा हो जाने पर किसान घरों से गायब रहे।
अबोहर में सुबह साढ़े 4 बजे किसान नेता सुखजिंदर सिंह राजन के घर पुलिस ने दबिश दी। किसान नेता ने कहा कि क्या हम क्रिमिनल हैं जो इतनी सुबह हमारे घर पुलिस भेजी गई है। अमृतसर में पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन उगराहां के सदस्यों को गिरफ्तार किया। नवांशहर में 15 के करीब किसान नेताओं को अलग अलग थानों में बिठाया गया है। सरकार के इस एक्शन पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, पंजाब सरकार दिल्ली हार का गुस्सा किसानों पर निकाल रही है, पंजाब में लोग सरकार की नीतियों से किए वादों और नशे सहित भ्रष्टाचार से तंग है। भगवंत मान तीन साल में किए हुए काम गिनवा दें। उन्होंने आगे कहा कि आज किसानों को सुबह से डीटेन किया जा रहा है, लोकतंत्र में धरने का हक नहीं, भगवंत मान किसान नेताओं में आपसी फूट का फायदा उठा रहे हैं। इस पर ना कांग्रेस प्रधान राजा वडिंग बोले हैं, ना सुखबीर बादल। उनको डर है कि पुलिस उनके घर ना आ जाए। किसान यूनियन की तरफ से मीटिंग की जाएगी और इसका विरोध किया जाएगा।
सीएम ने गुस्से में बीच में छोड़ी थी बैठक
बता दें कि सोमवार को किसानों के साथ बैठक मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बैठक की थी। लेकिन बात नहीं बनने पर मान गुस्से में बीच में ही बैठक को छोड़कर चले गए थे। इसके बाद किसानों ने 5 मार्च को चंडीगढ़ में पक्का मोर्चा लगाने की घोषणा कर दी। वहीं, बैठक के बाद सीएम मान ने एक्स पर लिखा- चक्का जाम करना, रेल रोकना या पंजाब बंद करना किसी समस्या का हल नहीं है। इन सबसे आम लोगों को परेशान होना पड़ता है। समाज के बाकी वर्गों के कामकाज और कारोबार पर भी इसका असर पड़ता है, जिसका ख्याल रखना चाहिए।
राजेवाल बोले-सीएम को ऐसा बर्ताव शोभा नहीं देता
बैठक के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि पिछली सरकारों के साथ भी उनकी बैठक हुई, लेकिन पहली बार किसी सीएम ने उनके साथ ऐसा व्यवहार किया है। वे गुस्से में बैठक छोड़कर चले गए। उन्हें ऐसा बर्ताव शोभा नहीं देता है। 5 मार्च को जो करना है कर लो, यह कहकर सीएम मान ने पूरे पंजाब के किसानों को चुनौती दी है। राजेवाल ने कहा कि अभी 18 में से कुल 8 मांगों पर ही अभी चर्चा हुई थी कि सीएम यह कहते हुए बैठक से निकलने लगे कि उनकी आंख ठीक नहीं है। राजेवाल ने कहा कि सीएम बिना किसी बात के भड़क गए, जबकि उन्होंने ऐसी कोई बात नहीं की।
पंजाब में इमरजेंसी जैसे हालात: केन्द्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा, भगवंत मान की अगुवाई वाली सरकार ने पंजाब में इमरजेंसी जैसे हालात बना दिए हैं। पंजाब के किसानों से जुड़े मुद्दों पर अपनी पोल खुलने के बाद अब वह किसान नेताओं पर पुलिसिया कार्रवाई कर रही है। जैसा कि हम बार-बार कह चुके हैं, मुख्यमंत्री ने राज्य को पुलिस राज्य में बदल दिया है और किसानों के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई बेहद निंदनीय है। उन्होंने आगे कहा कि यह पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार की किसान विरोधी मानसिकता को साफ तौर पर दशार्ता है।