भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा जलना शुक्रवार को शुरू हो गया है। पीथमपुर स्थित रामकी कंपनी में 3 दिनों में 10 टन जहरीले कचरे को भस्मकों के जरिए नष्ट किया जाएगा। इस मामले को मप्र में सियासत भी शुरू हो गई है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने आरोप लगाया है कि यूका के जहरीले कचरे को लेकर मप्र सरकार कोर्ट का बहाना बना रही है। जीतू के आरोप पर मुख्यमंत्री मोहन यादव भी ने भी पलटवार किया है।
यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को लेकर जीतू पटवारी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार बहाना बना रही है, यदि सरकार इस कचरे को उठाकर वहां (इंदौर के पीथमपुर) लेकर गई तो इसका अर्थ है कि इसके पीछे सरकार और सरकारी नेताओं के आर्थिक हित छिपे हुए थे। इंदौर शहर ने लगातार उन्हें (भाजपा को) सांसद दिए, विधायक दिए और महापौर दिए लेकिन भाजपा ने इसके बदले भावी पीढ़ी को कैंसर दिया है।
भाजपा ने वोट बदले कैंसर का जहर दिया
उन्होंने कहा कि मैं स्थानीय नेताओं और प्रशासन को चुनौती देता हूं। रामकी कंपनी के आस-पास के 10 किलोमीटर के भू-जल की जांच कीजिए और देखिए कि उसमें कैंसर के तत्व हैं या नहीं… मैं इंदौर शहर से आग्रह करता हूं कि आपने अपना मत भाजपा को दिया, जिन्होंने इसके बदले आपको कोरोना काल के दौरान यातनाएं दीं, कैंसर का कचरा दिया, भ्रष्टाचार का जहर दिया। हम अपना दायित्व निभाएंगे, लेकिन आपका सहयोग चाहिए। 10 किलोमीटर के भू-जल की जांच की जाए अगर उसमें कैंसर के तत्व नहीं मिलेंगे तो मैं सार्वजनिक माफी मांगूगा।”
यह जहर कांग्रेस की देन: सीएम
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी के बयान पर पलटवार किया है। उनका कहना है कि जीतू पटवारी की जितनी समझ है वे उसके अनुसार काम कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को देखा है। ये जहर कांग्रेस की देन है। भोपाल में 10 लाख से ज्यादा लोग यूनियन कार्बाइड के कारण मारे गए थे। इसमें कांग्रेस के तत्कालीन प्रशासन की लापरवाही थी। घटना के बाद यहां कचरा छोड़कर चले गए। अब डराने का काम कर रहे हैं। माफी तो उन्हें मांगनी ही चाहिए।