नागपुर। एनसीपी नेता शरद पवार ने आरएसएस और उसके समर्पित कार्यकर्ताओं की तारीफ की है। पवार ने कहा है कि हाल में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा की भारी जीत का श्रेय आरएसएस को भी जाता है। आरएसएस के काम और कार्यकार्ताओं की मेहनत का चुनावी जीत में बहुत बड़ा योगदान है। शरद पवार द्वारा संघ की तारीफ किए जाने पर महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि पवार ने आरएसएस की तारीफ की है। यह देखने के बाद कि कैसे संगठन 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष द्वारा फैलाए गए फर्जी नैरेटिव पर काबू पाने में कामयाब रहा। इसीलिए हो सकता है कि शरद पवार ने आरएसएस की प्रशंसा की हो।
सीएम ने कहा कि शरद पवार साहब बहुत बुद्धिमान हैं। उन्होंने निश्चित रूप से इस पहलू का अध्ययन किया होगा। उन्होंने महसूस किया कि यह (आरएसएस) एक नियमित राजनीतिक शक्ति नहीं बल्कि एक राष्ट्रवादी शक्ति है। किसी भी प्रतियोगिता में दूसरों की प्रशंसा करना अच्छा होता है। उन्होंने कहा कि शायद इसलिए पवार ने आरएसएस की तारीफ की होगी। बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने यह दावा किया था कि भाजपा संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने के लिए 400 सीटें जीतना चाहती है, लेकिन आरएसएस ने इस गलत धारणा को खत्म कर दिया। हालांकि, बाद में भाजपा नेताओं ने इस नैरेटिव के बारे में दावा किया कि इससे पार्टी को कड़ी चोट पहुंची।
आरएसएस ने फर्जी नैरेटिव की निकाली हवा
नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फडणवीस ने कहा कि जब विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे थे, तो आरएसएस से प्रेरित विभिन्न क्षेत्रों के कई लोगों ने अपनी भूमिका निभाई और इस फर्जी विमर्श की हवा निकाल दी। शरद पवार साहब बहुत बुद्धिमान हैं। उन्होंने निश्चित रूप से इस पहलू का अध्ययन किया होगा। उन्हें एहसास हुआ कि आरएसएस एक नियमित राजनीतिक शक्ति नहीं बल्कि एक राष्ट्रवादी शक्ति है, किसी भी प्रतियोगिता में दूसरों की प्रशंसा करना अच्छा है। फडणवीस ने इस दौरान कई और भी सवालों के जवाब दिए।
पीएम मोदी बहुत अनुशासित नेता हैं: फडणवीस
फडणवीस से सवाल किया गया कि पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह में से कौन अधिक सख्त हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, पीएम बहुत अनुशासित नेता हैं, जबकि शाह को कभी-कभी राजनीतिक फैसले लेने के लिए राजी किया जा सकता है। इस दौरान फडणवीस ने कहा कि 2024 के विधानसभा चुनावों में अगर मुख्यमंत्री भाजपा से नहीं होता, तो पार्टी कार्यकर्ता खुश नहीं होते। उन्होंने कहा कि शिंदे ने खुद ही मिनटों में सहमति जताई कि सीएम भाजपा से होना चाहिए, जिसे खुद 132 सीटें मिली हैं और 288 सदस्यीय विधानसभा में वह बहुमत के करीब है।
मेरी पहचान भाजपा की वजह से: फडणवीस
फडणवीस से पूछा गया कि क्या वह मुख्यमंत्री बनना पसंद करेंगे या भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि पार्टी द्वारा उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, वह उसे स्वीकार करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर मैं भाजपा में नहीं होता, तो कोई भी मुझे महत्व नहीं देता। मुझे पता है कि अगर मैं अपनी पार्टी शुरू करता हूं, तो मैं और मेरे साथ के सभी लोग चुनाव में अपनी जमानत खो देंगे। मेरी पहचान भाजपा की वजह से है। अगर वह मुझे घर बैठने के लिए कहती है, तो मैं बिना किसी सवाल के ऐसा करूंगा।
ठाकरे से मुलाकात के बारे में भी बात की
सीएम फडणवीस ने नागपुर में विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि ठाकरे ने घोषणा की थी कि सीएम बनने के बाद वह बदले की राजनीति नहीं करेंगे। इस पर सभी नेताओं ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।