भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 21 जिलों के 87 आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों को बड़ी सौगात दी है। सीएम मोहन ने सोमवार को पीएम-जनमन अभियान के तहत 66 मोबाइल मेडिकल यूनिट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन मोबाइल मेडिकल यूनिटों से 1268 ग्रामों के लगभग 3,12,246 लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। सीएम हाउस में आयोजित किए इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, पीएस लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप कुमार यादव और एमडी एनएचएम डॉ. सलोनी सिडाना सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
सीएम ने कहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं का सशक्त करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश के प्रत्येक कोने तक उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचे, हर जिÞले में मेडिकल कॉलेज हों, अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध हों और पर्याप्त स्वास्थ्य अमला हो। उन्होंने कहा कि 46 हजार से अधिक स्वास्थ्य अमले की भर्ती के लिये स्वीकृति दी जा चुकी है। उन्होंने शीघ्र भर्ती प्रक्रिया पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सशक्त स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा से कोई भी क्षेत्र विकास की छलांग लगाने के लिये तैयार होता है। सशक्त और विकसित प्रदेश के लिये इन क्षेत्रों का सशक्त होना जरूरी है।
जानकारी-इलाज के अभाव में सिकल सेल एनीमिया का होता है प्रसार
सीएम ने कहा हमारे राज्यपाल मंगू भाई पटेल भी इस बात का आग्रह करते हैं कि सिकल सेल एनीमिया की जो परेशानियां हैं उससे आने वाली पीढ़ियों को बचाने के लिए यदि इसकी समय से जांच हो जाए और ठीक से उपचार कर दें तो उसे बचा जा सकता है। जानकारी और इलाज के अभाव में इस बीमारी का प्रसार होता है। सीएम ने कहा मुझे मालूम है कि एक विभाग ने एक तरह से बीमारियों को टॉप प्रायरिटी पर लिया है हमने कोशिश की है। खास बात यह रही की इस दौरान जब सीएम ने देश भर में स्वास्थ्य विभाग की रैंकिंग में एमपी का स्थान पूछा तो पीएस हेल्थ संदीप यादव और एमडी एनएचएम स्टेट की रैंकिंग नहीं बता पाए। हालांकि इनका बचाव करते हुए स्वास्थ्य मंत्री शुक्ल ने कहा कि शिशु मृत्युदर छोड़कर मप्र सभी मामलों में अव्वल है।
संसाधनों की कमी नहीं होने दी जायेगी
सीएम ने कहा कि मोबाइल मेडिकल यूनिट्स दुर्गम और स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों में पहुँचकर आमजन को ओपीडी, रोग निदान, उपचार और दवाइयों जैसी आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगी। प्रत्येक यूनिट में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी और अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस पहल से प्रदेश के स्वास्थ्य मानकों में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के सशक्तीकरण के लिये संसाधनों की कमी नहीं होने दी जायेगी। मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिये हम संकल्पबद्ध हैं।
यह जिले किए गए हैं चिन्हित
योजना में चिन्हित जिले अनूपपुर, अशोकनगर, बालाघाट, छिन्दवाड़ा, दतिया, डिंडौरी, गुना, गवालियर, कटनी, मंडला, मुरैना, नरसिंहपुर, सतना, शहडोल, श्योपुर, सीधी, शिवपुरी, जबलपुर, रायसेन, उमरिया और विदिशा शामिल हैं।