भोपाल। सिख समाज के दसवें और आखिरी धर्मगुरू गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर उज्जैन के दूध तलाई गुरुद्वारा में दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। रविवार सुबह मुख्यमंत्री मोहन यादव भी दूध तलाई स्थित गुरुद्वारा साहिब पहुंचे और निशान साहिब सेवा में सम्मिलित हुए। सीएम ने यहां गुरुग्रंथ साहिब के समक्ष माथा ठेका और गुरु अरदास में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर सिख समाज के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार सुबह दूध तलाई स्थित गुरुद्वारे में पहुंचे। यहां उन्होंने अरदास में भाग लिया। इस दौरान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा मुख्यमंत्री डॉ. यादव का पगड़ी बांधकर स्वागत किया। इस दौरान गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों की वीरता को स्कूल शिक्षा पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने पर सिख समाज ने मुख्यमंत्री का आभार माना। सिख समाज ने सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री का आभार माना और उनके गौरवमय कार्यकाल के लिए प्रार्थना की। इस दौरान सिख समाज के सुरेंद्र सिंह अरोड़ा, ग्रंथी चरण सिंह गिल, इकबाल सिंह गांधी, सभापति श्रीमति कलावती दीदी, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा उपस्थित रहे।
साहिबजादों ने धर्म परिवर्तन करने से कर दिया था मना
बता दें कि गोविंद सिंह के साहिबजादों जोरावर सिंह और साहिब फतेह सिंह की वीरता की कहानी मध्यप्रदेश के बच्चों को पढ़ाई जाएगी। इस वीर कहानी में बताया जाएगा की मुगलकाल में जोरावर और साहिब फतेह सिंह को बंदी बनाने के बाद मुगल शासक ने दोनों साहिबजादों से धर्म परिवर्तन करने को कहा था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया और दोनों ने ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ के जयकारे लगाते हुए धर्म परिवर्तन करने से मना कर दिया। इसके बाद दोनों को दीवार में चुनवाने का फैसला किया गया। दो बार दीवार में चुनवाने के बाद भी जब दोनों बच गए तो इनके सिर कलम कर दिए गए थे।
सीएम ने उज्जैन में मैराथन को दिखाई हरी झंडी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रविवार को सुबह मुंगी चौराहा उज्जैन से मैराथन गुड फॉर हेल्थ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सीएम ने कहा कि हम सब प्रण ले कि सुबह-सुबह भ्रमण अवश्य करें और योग करें, जिससे जीवन में आनंद बढ़ता है और स्वस्थ जीवन से बड़ा कोई आनंद नहीं होता है। स्वस्थ जीवन ही सबसे बड़ा सुख है। इस अवसर पर सीएम ने उज्जैन की जनता को आने वाले मकर सक्रांति पर्व की बधाई और शुभकामना दी। विधायक श्री अनिल जैन कालूहेडा, सभापति श्रीमती कलावती देवी जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।