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दिग्गी को कोई नहीं लेता गंभीरता से, मंत्री राजपूत ने किया पलटवार, बोले- बात निकली है तो दूर तलक जाएगी, और क्या कहा पढ़ें

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भोपाल। राजधानी भोपाल से सटे मेंडोरी के जंगल में मिले 52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश के बाद से मप्र का सियासी पारा हाई है। भाजपा-कांग्रेस दोनों ही एक-दूसरे पर जमकर वार-पलटवार कर रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता और मप्र के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों पर खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने जोरदार पलटवार किया है। उन्होंने तो यहां तक कह दिया है कि दिग्गी को कोई गंभीरता से नहीं लेता और जिनके मकान शीशे के, वे दूसरों के यहां पत्थर नहीं फेंका करते। बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी।

कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन हॉल में आयोजित की गई बैठक मंथन-2024 में हिस्सा लेने पहुंचे गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि हर चीज का जवाब देना जरूरी नहीं है। दिग्विजय बातों को कोई भी गंभीरता से नहीं लेता है। प्रदेश में जब कांग्रेस सरकार थी, उस समय के वन मंत्री उमंग सिंघार ने अपनी सरकार के ऊपर क्या क्या आरोप लगाए थे। उमंग सिंघार ने क्या क्या कहा था, यह सोशल मीडिया पर आज भी है। यू-ट्यूब पर सर्च करके देखा जा सकता।

जांच एजेंसी स्वतंत्र, वह कर रही अपना काम
राजपूत ने कहा कि जांच एजेंसी स्वतंत्र है। वह अपना काम कर रही है। एजेसियां किसी के अधीन नहीं होती। दिग्विजय सिंह की बात का जवाब दे दिया है। अब ‘नो कमेंट्स’…। उन्होंने आगे कहा कि बात निकलेगी तो दूर तलक तक जाएगी। जिसके घर शीशे के होते हैं, वह दूसरे के घर पत्थर नहीं मारते है। जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। इन्वेस्टिगेशन टीम स्वतंत्र होकर काम करती है, किसी के अंडर में काम नहीं करती है।

दिग्गी ने लगाए थे यह आरोप
आपको बता दें कि दिग्विजय सिंह ने कहा था कि कांग्रेस की सरकार के समय कमलनाथ पर दबाव था कि परिवहन विभाग गोविंद राजपूत को दिया जाए। अब यह दबाव क्यों था, ये ज्योतिरादित्य सिंधिया बताएंगे। परिवहन में नियुक्ति के लिए कमलनाथ ने एक बोर्ड बना दिया था जिसके जरिए नियुक्ति होती थी। मुझे जानकारी है कि जब शिवराज सिंह चौहान फिर से मुख्यमंत्री बने तो सिंधिया जी ने दबाव डालकर बोर्ड भंग करवा दिया। परिवहन विभाग गोविंद सिंह राजपूत को फिर सौंप दिया गया। इसके बाद एक नई प्रक्रिया शुरू हो गई। वसूली करने वाले व्यक्ति यानी कटर की नियुक्ति होने लगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने सौरभ शर्मा को कटर बताते हुए कहा था कि वह टोल नाकों पर वसूली करता था। दिग्गी ने पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के यहां हुई छापेमारी में मिले कैश, गोल्ड और अन्य संपत्तियों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। वहीं, इस केस से लोकायुक्त को हटाए जाने की मांग की थी।

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