मध्यप्रदेश की राजधाानी भोपाल के कोहेफिजा इलाके में 6 साल की एक बच्ची के 18 दिनों से लापता रहने के मामले ने मानवाधिकार आयोग को सख्त रुख अपनाने पर मजबूर कर दिया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इसे मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन मानते हुए मध्य प्रदेश सरकार और राज्य के डीजीपी को नोटिस जारी किया है
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मध्य प्रदेश सरकार और राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को नोटिस जारी करते हुए राजधानी भोपाल के कोह-ए-फिजा क्षेत्र में 6 वर्षीय बच्ची के लापता होने के मामले में जवाब मांगा है। बच्ची के गायब होने के 18 दिन बाद भी पुलिस कोई ठोस सुराग नहीं जुटा पाई है, जिसके बाद आयोग ने यह कदम उठाया है।
एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि उसने मामलेका स्वत: संज्ञान लिया है, जिसमें बताया गया था कि बच्ची का लापता होना मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार और DGP से दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
आयोग ने राज्य में पिछले तीन वर्षों में 3,400 से अधिक महिलाओं और लड़कियों के लापता होने की जानकारी भी साझा की है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह मामला अकेला नहीं है, बल्कि एक व्यापक समस्या का हिस्सा है। जानकारी के अनुसार, लापता बच्ची की मां बेघर है और उसके आठ बच्चे हैं। उन्होंने अपनी बेटी के लापता होने में एक रिश्तेदार की संलिप्तता का संदेह जताया है, लेकिन उनका आरोप है कि पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर रही है।
एनएचआरसी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। आयोग ने कहा कि यदि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री सत्य है, तो यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मामला है, जिस पर तत्काल कार्रवाई की जरूरत है।