भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों मौसम का मिजाज बदला हुआ है। सूबे के कई जिलों में रविवार को चली तेज आंधी और बारिश ने लोगों को हलाकान कर दिया है। कही घरों में पेड़ गिरे, तो कही घरों के छप्पर उड़ गए। यही नहीं बिजली सप्लाई बाधित होने से कई जिले घंटों अंधेरे में भी डूबे रहे। यही हाल विंध्य क्षेत्र का भी रहा है। तेज हवाओं और बवंडर के कारण मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी की 220 केव्ही अमरकंटक-सीधी तथा 220 केव्ही सीधी-रीवा ट्रांसमिशन सर्किट के चार टॉवर क्षतिग्रस्त हो गए। जिसकी वजह से अमरकंटक से सीधी 220 केव्ही सर्किट में विद्युत सप्लाई प्रभावित हुई।
हालांकि 220 के व्ही सबस्टेशन सीधी में वैकल्पिक ट्रांसमिशन सप्लाई उपलब्ध होने से क्षेत्र में इस कारण कोई विद्युत आपूर्ति में कोई बाधा नहीं आई। साथ ही इससे अमरकंटक थर्मल पावर स्टेशन चचाई में उत्पादित विद्युत की निकासी एवं ट्रांसमिशन पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ा और अन्य सर्किट अनूपपुर एवं जबलपुर में विद्युत आपूर्ति निर्विघ्न बनी रही। यह जानकारी मप्र के ऊर्जा मंत्री पद्युम्न सिंह तोमर ने दी।
72 मीटर ऊंचा टावर भी हुआ क्षतिग्रस्त
वहीं एम पी ट्रांसको के मुख्य अभियंता संदीप गायकवाड़ ने बताया कि विंध्य क्षेत्र में सोन नदी के आसपास मौसम के अचानक बिगड़ने से उपरोक्त दोनों सर्किट में दो टॉवर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए तथा दो अन्य टॉवर आंशिक रूप से प्रभावित हुए। इन टॉवरों में से एक 72 मीटर ऊंचाई का विशेष ट्रांसमिशन टॉवर है, जो सोन नदी क्रॉसिंग के लिए स्थापित किया गया था। दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद, क्षतिग्रस्त टॉवरों की मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर प्रारंभ कर दिया गया है। प्रभावित सर्किटों से विद्युत आपूर्ति पुन: बहाल करने में कम से कम तीन सप्ताह का समय लग सकता है।